CG Ki Baat| Image Credit: IBC24
CG Ki Baat: रायपुर। प्रदेश की सियासत में इस वक्त CBI छापों की छाप याने उसका साइड इफेक्ट दिखने लगा है। विरोध-धरना, पोस्टर वार, जुबानी पलटवार… जांच, बयान और सफाई… गुरूवार दिनभर काफी कुछ हुआ। मतलब ये कि पॉलिटिक्स का पारा पूरे दिन चढ़ा रहा, लेकिन असल सवाल ये है कि इस शोर-शराबे के बीच आखिर छापे का रिजल्ट क्या रहा। सूबे की सियासत पर आगे इसका असर क्या होगा? देखिए रिपोर्ट…
महादेव सट्टा ऐप घोटाले की जांच के लिए, बुधवार को CBI ने छत्तीसगढ़ में 50 से ज्यादा स्थानों पर दबिश दी। दिन भर चले एक्शन के बाद कई पुलिस अधिकारियों और प्रशासनिक अफसरों को गुरूवार को CBI दफ्तर तलब किया गया। रायपुर, दुर्ग और जगदलपुर से कई पहुंचे कई अफसरों ने जांच ऐजेंसी के समक्ष अपने ऑफिशियल बयान दर्ज कराए। दूसरी तरफ इसपर जमकर सियासत गर्मा। BJP ने कांग्रेस को करप्शन घेरते हुए एक पोस्टर जारी कर कटाक्ष किया।
भाजपा ने कार्टून पोस्टर में पूर्व CM भूपेश बघेल को महादेव घोटाला रूपी मगरमच्छ के जबड़े में फंसा दिखाया और इसे करप्शन कर्मों का नतीजा बताया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने फिर दोहराया जांच ऐजेंसियां स्वतंत्रता से, तथ्यों पर अपना काम कर रही हैं, तो भूपेश के खिलाफ चुनाव लड़े और जीते बीजेपी सांसद संतोष पांडे ने भूपेश को नसीहत दी की गलत नहीं किया तो डरें नहीं।
इधर, कांग्रेस ने भी पूर्व CM भूपेश बघेल के घर CBI छापे पर प्रदेशभर में हल्ला बोलते हुए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों ने सरकार पर CBI के जरिए षड़यंत्र रचने के आरोप लगाए। खुद पूर्व CM भूपेश बघेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर CBI, केंद्र और राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। बघेल का आरोप है कि, केंद्र सरकार के इशारे पर, जिन्होंने घोटाला उजागर किया अब उन्हीं के घर CBI पहुंचाई जा रही है।
कुल मिलाकर CBI के छापे के बाद दिन पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरते हुए कांग्रेस मतलब करप्शन जताने की कोशिश की, भूपेश के यहां पड़े छापों को करप्शन कर्म का फल बताया तो पूर्व CM भूपेश ने इसे मोदी-शाह के इशारे पर, विपक्ष को बदनाम करने, दबाव बनाने का कुचक्र बताया। दोनों पक्ष दावा करते हैं कि जनता सब जानती है, सवाल ये घोटाला है, आरोप हैं तो सच सामने लाने जांच जरूरी है, जिसका अपना तरीका और वक्त है फिर इतना हो-हल्ला क्यों ?