CG Ki Baat: रायपुर। देश-दुनिया से अगर आंतकवाद का खत्म करना है तो भारतीय संस्कृति को पूरी तरह से अपनाएं। अपने बच्चों को झुक कर, चरण छूकर प्रणाम करना सिखाएं, सब अपने आप ठीक हो जाएगा। ये कहना है प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा का। जाहिर है कि प्रदेश के गृहमंत्री के इस बयान के मायने निकाले जाने लगे हैं। आखिर गृहमंत्री ने ऐसा क्यों कहा, इसे हर कोई अपने-अपने हिसाब से डिकोड कर रहा है। कांग्रेस कहती है ये बजान ऐजेंडा पॉलिटिक्स का हिस्सा है तो बीजेपी कांग्रेस को बातों को सियासी ट्विस्ट ना देने की नसीहत देती नजर आई। तो असल में क्या है बयान का उद्देश्य, उसका असल अर्थ क्या है, उस पर पार्टियों के तर्क क्या हैं, आइए जानते हैं..
छत्तीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा हिंदू संस्कृति और संस्कारों को लेकर अपनी बात कह भी रहे हैं और उस पर अमल भी करते दिख रहे हैं। बीते दिनों कवर्धा में कांवडियों पर पुष्पवर्षा के बाद अब प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने आतंकवाद के खात्मे के लिए हिंदू संस्कार और संस्कृति को समाधान बताया है। उन्होंने कहा की झुक कर प्रणाम करना जो हमारे संस्कार हैं वो हमको आतंकी बनने से बचाते हैं, अगर दुनिया ठीक करनी है तो बच्चों को चरण छूकर प्रणाम करना सिखा दें।
जाहिर है प्रदेश के डिप्टी CM के बयान के अलग-अलग सियासी चश्मे से देखा जा रहा है, उसके मायने निकाले जा रहे हैं। बयान को हिंदू संस्कृति के पालन की नसीहत के साथ-साथ, एक धर्म विशेष की ओर इशारा भी माना जा रहा है। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा देश के पहले आतंकी नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को झुककर प्रणाम करने के बाद ही गोली मार दी थी। कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि गृहमंत्री विजय शर्मा दरअसल, PM मोदी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
वैसे, प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा की पहचान पहले से एक प्रखर हिंदुत्ववादी नेता की रही है। कांग्रेस शासन काल में उन्हें कवर्धा के भगवा ध्वज विवाद मामले में जेल तक भेजा गया। पिछले हफ्ते डिप्टी CM विजय शर्मा ने सनातनियों के सम्मान में भोरमदेव में हेलीकॉप्टर से कांवडियों पर पुष्प वर्षा कराई। अब उनके ताजा बयान को विपक्ष धर्म विशेष के विरोध के तौर पर पेश कर रहा है। तो क्या माना जाए क्या डिप्टी सीएम भारतीय संस्कृति में झुकने और विनम्र रहने सीख देकर हिंसक प्रतिक्रिया से बचने का पाठ पढ़ा रहे हैं या फिर वाकई ये किसी धर्म विशेष पर कोई कटाक्ष है या फिर एक सादी सी सलाह को हिंदू-मुस्लिम एजेंडे से जोड़कर सियासी हित साधा जा रहा है ?