रायपुर। CG Ki Baat: क्या प्रदेश के आदिवासी बहुल वनांचल पूरी तरह से धर्मांतरण के जाल में उलझ गए हैं। ये सवाल उठा हाल के दिनों में जशपुर के सामने आए विवाद के बाद बीजेपी ने जांच टीम भेजी तो पता चला कि यहां के ज्यादातर आदिवासी परिवार या तो कनवर्ट हो चुके हैं या होने की जद में है। बीजेपी का आरोप है कि यहां षड़यंत्रपूर्वक डेमोग्राफी बदल चुकी है, लेकिन संरक्षण किसका और कार्रवाई क्यों नहीं ये सवाल बार-बार विपक्ष उठा रहा है। सवाल ये है कि क्या धर्मांतरण ने वाकई इलाके की डेमोग्राफी बदल दी है, या फिर ये शोर दिखावे का है ? सवाल ये भी है कि हालात कैसे बदलेंगे ? कौन बदलेगा, किसकी जिम्मेदारी है ?
बीते दिनों जशपुर जिले के मनोरा ब्लॉक में आस्ता थाना क्षेत्र के कोरकोटोली गांव में गाज की चपेट में आकर भुईहर समाज के युवक राजेंद्र चोराट की मौत हो गई, जिसका शव मृतक की पत्नी के कहने पर क्रिश्चिन रीति-रिवाज से दफनाया गया, जिसका विरोध करते हुए मृतक के माता-पिता ने ईसाई रीति से दफनाएं शव को निकाल कर हिंदू रीति से अंतिम संस्कार की मांग की विवाद गर्माया तो बीजेपी ने शिवरतन शर्मा की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय जांच दल बनाया जिसमें सांसद राधेश्याम राठिया, विधायक गोमती साय और रेणुका सिंह शामिल हैं। बीजेपी जांच दल ने घटनास्थल पहुंचकर मृतक के परिवार से मिलकर, बयान लिए कमेटी को 7 दिन में अपनी रिपोर्ट देनी है। इस घटना के बाद से बीजेपी का खुला आरोप है कि साजिशन अब हिंदू बहुसंख्यक गांवों में हिंदू ही अल्पसंख्यक हो गया है, जिसपर बीजेपी सरकार कड़ी कार्रवाई कर रही है। इस दावे पर विपक्ष का सीधा आरोप है कि बीजेपी सरकार केवल दावे करना जानती बातें करती कुछ नहीं।
CG Ki Baat: IBC24 टीम ने भी ग्राउंड जीरो पहुंचकर ईसाई-हिन्दू दोनों पक्षों से बात की। ग्रामीण मानते हैं कि घटना के बाद धर्म के नाम पर गांव का माहौल खराब हुआ है। सरपंच के मुताबिक गांव मे कुल 37 घर हैं जिसमें 30 ईसाई धर्म अपना चुके हैं जबकि केवल 7 घर हिन्दू समुदाय के हैं। दरअसल, मृतक की पत्नी ईसाई धर्म अपना चुकी है, मृतक के दो बेटों की मौत के बाद उनका भी अंतिम संस्कार ईसाई रीती रिवाज से हुआ था। कुल मिलाकर राज्य के वनांचल में तेजी से होते धर्मांतरण ने दो समुदायों के बीच संघर्ष के हालात बनाने शुरू कर दिए हैं। बीजेपी का खुला आरोप है कि ये सब षड़यंत्रपूर्वक डेमोग्राफिक चैंज के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस कहती है सत्ता में बीजेपी है, इसके रोकती क्यों नहीं ? सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये सिलसिला रुक क्यों नहीं पा रहा ? कौन दे रहा है इसे संरक्षण ?