रायपुर। CG Ki Baat: छत्तीसगढ़ की रीढ़ है धान और किसान, सो धान और किसान से जुड़े मुद्दे पर सियासत ना हो ये हो नहीं सकता और इस वक्त को धान खरीदी के मुद्दे पर सरकार पर बाहर से विपक्ष के साथ-साथ पार्टी के भीतर से अपने भी वार करने से नहीं चूक रहे हैं। मुद्दा है राइस मिलर्स की नाराजगी कस्टम मिलिंग से जुड़ी कुछ मांगों पर प्रदेश के राइस मिलर्स नाराज होकर धान का उठाव बंद कर चुके हैं, जिसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने सरकार के रवैए पर सवाल उठा दिए। जाहिर है उनके इस स्टैंड ने सत्तारूढ़ दल को असहज कर दिया है और विपक्ष को आक्रामक होने का बड़ा मौका दिया है। पूरे दिन धान-किसान और मिलर्स पर अंदर-बाहर राजनीति चलती रही है। सवाल ये है कि क्या समाधान मिला है, क्या अपनों के वार का नुकसान होगा, क्या विपक्ष इसका सियासी फायदा उठा रहा है ?
छत्तीसगढ़ में अब तक 50 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा धान खरीदी हो चुकी है लेकिन फिलहाल इन केंद्रों धान का उठाव बंद है। वजह है राज्य सरकार और राइस मिलर्स के बीच कस्टम मिलिंग को लेकर अनुबंध ना होना। बीते दिनों प्रदेश कैबिनेट ने राइस मिलर्स को ₹80 प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया, जिससे राइस मिलर्स नाखुश हैं। राइस मिलर की प्रमुख शिकायत है कि, सरकार ने फिलहाल वर्ष 2022-23 के बजाय, वर्ष 2023-24 का भुगतान करने का फैसला लिया है, जबकि 2023-24 में ज्यादातर मिलर्स का काम शुरू नहीं हो पाया, इसके विरोध में मिलर्स ने धान उठाव और कस्टम मिलिंग बंद कर दी है। मिलर्स के साथ जारी गतिरोध खत्म करने डिप्टी CM अरुण साव के बंगले पर बैठक, जिसमें वित्त मंत्री ओपी चौधरी और मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल भी शामिल हुए। बैठक के बाद बताया गया कि 2022-23 कस्टम मिलिंग की ED जांच जारी है लेकिन राइस मिलर्स को तय टर्म-कंडीशन के मुताबिक भुगतान होगा।
एक तरफ मिलर्स नाराज हैं दूसरी तरफ वरिष्ठ बीजेपी नेता, पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने मिलर्स की समस्या पर PM मोदी, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और भाजपा संगठन महामंत्री अजय जमवाल को पत्र लिखा है। कंवर ने पत्र में राज्य सरकार पर मिलर्स की उपेक्षा के आरोप लगाते हुए जल्द समाधान ना मिला तो आगामी निकाय-पंचायत चुनाव में इसका BJP को नुकसान होने की बात लिखी है। कंवर के पत्र पर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल का दावा है कि कंवर से बात हो गई है वो नाराज नहीं है, मिलर्स को भी 2023-24 की प्रथम किस्त जारी करने का आदेश हो चुका है यानि स्थिति अंडर कंट्रोल है ।
CG Ki Baat: मिलर्स की नाराजगी और कंवर के पत्र के बहाने कांग्रेस को सरकार पर हमला बोलने का बड़ा मौका मिला है, पूर्व मंत्री धनेंद्र साहू ने कहा कि बीजेपी सरकार ने कांग्रेस के आरोप नकारे लेकिन अब तो उनके पूर्व मंत्री और वरिष्ठ ननकी राम कंवर के पत्र से सच सामने है। ये तो तय है कि धान खरीदी प्रक्रिया में किसी भी तरह का व्यवधान, पूरे प्रदेश पर असर डालता है…ये भी सच है कि सरकार को इसका पूरा ध्यान है, हल निकालने पहल हो चुकी है लेकिन सवाल ये है कि क्या विपक्ष के साथ-साथ अपने ही सीनियर नेता के पत्र से कोई बड़ा डैमेज होने जैसे हालत हैं ?