रायपुर। CG Ki Baat: निकाय चुनाव के लिए तैयारियों के बीच सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया को लेकर फॉर्मूला तय कर लिया है तो विपक्ष का सियासी पैंतरा भी सामने आ चला है, OBC आरक्षण पर पूर्व सीएम बघेल ने एक बड़ा वार किया, सीधा आरोप लगाया कि, नई सरकार की नीतियों की वजह से निकाय चुनाव में OBC वर्ग के उम्मीदवारों के लिए मौके कम हो जाएंगे। बीजेपी आरोप को सिरे से नकार रही है क्या इतना काफी होगा क्योंकि आरक्षण से जुड़े सेटीमेंट ऐसे हैं कि जरा सी बात पर पूरा वर्ग बेचैन हो जाता है, खासतौर पर जिस राज्य में 50 फीसदी से ज्यादा OBC हों वहां ये दांव भारी भी पड़ सकता है?
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में OBC आरक्षण पर बड़ा बयान दिया, X-पोस्ट पर पूर्व CM ने लिखा कि अब छत्तीसगढ़ में पिछड़े वर्ग के लोग, जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए तरस जाएंगे, पूरे राज्य में एक या बहुत हुआ तो दो जिलों में ही OBC आरक्षण का लाभ मिलेगा, क्योंकि मौजूदा बीजेपी सरकार ने आरक्षण प्रावधान बदल दिए हैं, अगर OBC वर्ग को 50% आरक्षण मिलता तो कुल आरक्षण 96% होगा जबकि सरकार का फैसला है कि वो आरक्षण सीमा 50% पर ही रखेगी, जैसा की सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है। आरक्षण मसले पर PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि भाजपा को अंदाजा ही नहीं है कि, मौजूदा व्यवस्था से कितना नुकसान होगा? साथ ही ये भी कहा कि इसलिए राहुल गांधी देश में सभी वर्गों की सख्यी संख्या के लिए जातिगत जनगणना चाहते हैं।
CG Ki Baat: कांग्रेस नेताओं के आरोपों को डिप्टी CM अरुण साव ने सिरे से खारिज करते कहते हुए कहा कि, मौजूदा केंद्र और राज्य सरकारें OBC समेत सभी वर्गों के हित के लिए काम कर रही है, उन्होंने पलटवार में कहा कि CM रहते भूपेश बघेल ने OBC समाज को जमकर धोखा दिया। जिस प्रदेश में OBC बहुल आबादी बसती हो वहां, नगर और ग्राम सरकारों के चुनाव से पहले OBC आरक्षण का मुद्दा छेड़कर पूर्व CM ने बड़ा सियासी दांव खेला है, सवाल है क्या सत्ता पक्ष इस दांव पर सभी वर्गों को साधने वाला जवाब दे पाएगा ?