रायपुर। CG Ki Baat: छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर अभी से सियासी मोर्चा गर्म होने लगा है। पहले राज्य सरकार ने पुरानी सरकार के फैसले को पलटते हुए मेयर चुनाव डायरेक्ट कराने का निर्णय लिया तो वहीं अब पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पूर्व सीएम बघेल पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप मढ़ दिया । इस लड़ाई से चुनाव के लिए माहौल तो तैयार हो रहा है पर सवाल भी उठ रहे हैं क्या वाकई बीते सालों में पार्षदों को मैनेज करने का खेल बड़े पैमाने पर चला या नहीं ?
दो दिन पहले, साय कैबिनेट ने नगरीय निकाय चुनावों को लेकर एक बड़ा फैसला किया गया। फैसला ये कि प्रदेश सभी नगरीय निकाय, चाहे वो नगर निगम हो, नगरपालिका हो या नगर पंचायत हो, उसके महापौर और अध्यक्ष का चुनाव अब प्रत्यक्ष तरीके से होगा। यानी जनता ही इनका चुनाव करेगी, ना कि चुने हुए पार्षद। सरकार की तरफ से उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने और जनता को उनका वास्तविक अधिकार देने के लिए ऐसा फैसला लिया गया।
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सरकार के इस फैसले के बाद ही बयानों की सियासत शुरू हो गई थी, लेकिन आज भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने यह कहते हुए बड़ा आरोप लगा दिया कि, भूपेश बघेल सरकार ने निचले स्तर के जन प्रतिनिधियों की हार्स ट्रेडिंग यानी खरीद बिक्री का अभियान चलाया था। इसलिए अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली लाई गई। इस तरीके से कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र का अपहरण किया है। अजय चंद्राकर के इस बयान पर कांग्रेस नेता भी पलटवार कर रहे हैं।
CG Ki Baat: पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने सवाल किया कि जब पीएम और सीएम इसी तरीके से चुने जाते हैं, तो हार्स ट्रेडिंग नहीं होती, लेकिन महापौर और अध्यक्ष चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग हो जाएगी। कांग्रेस का कहना है कि गोवा, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में किसने हॉर्स ट्रेडिंग की ये सबको पता है। नगरीय निकाय चुनावों में कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन हर दिन जिस तरह इसे लेकर बयानों के तीर चल रहे हैं, उससे साफ लग रहा है कि चुनाव तक प्रदेश की राजनीति पूरी तरह गरमाई रहेगी। वैसे भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव, सत्ता रुढ़ और विपक्षी पार्टी दोनों के लिए पावर टेस्ट का सबसे बड़ा मंच माना जाता है।