रायपुर। CG Ki Baat: साय सरकार अपने पहले एक साल के कार्यकाल पूरा होने का जश्न मनाने की तैयारी में है। सरकार अपनी उपलब्धियां गिना रही है तो विपक्ष खामियां। इसी सप्ताह देश के गृहमंत्री अमित शाह का बस्तर दौरा होने वाला है। वो फोर्स के बीच रात गुजारने जा रहे हैं। सरकार नक्सल सफाए की तारीख तक का एलान कर चुकी है। इसी बीच एक के बाद एक बीजेपी नेताओं की हत्या पर विपक्ष, सरकार पर हमलावर है। विपक्ष का आरोप है कि अब बीजेपी के राज में बीजेपी नेताओं की टॉरगेट किलिंग क्यों हो रही है। जाहिर है इस सवाल से विपक्ष को सियासी फायदा मिले न मिले लेकिन नक्सलियों को जरूर लाभ हो सकता है, क्योंकि इसके जरिए सरकार के दावे के उलट नक्सली अपनी मौजूदगी, अपनी धमक को जाहिर कर रहे हैं ।
बस्तर, छत्तीसगढ़ समेत देशभर में नक्सलियों के पूर्ण सफाए के लिए जारी ऑपरेशन्स और उसमें मिलती कामयाबियों के बीच, सामने आई नक्सली करतूतों नें ये बड़ा सवाल उठाया कि क्या नक्सली अब भी नेताओं की टार्गेट किलिंग कर रहे हैं क्योंकि नक्सलियों ने 1 हफ्ते में 5 लोगों की हत्या की, जिसमें से 3 बीजेपी नेता हैं। नक्सलियों ने बीजापुर में बीजेपी नेताओं को पुलिस का मुखबिर बताते हुए उनकी हत्या कर दी, जिस पर विपक्ष हमलावर है, पीसीसी चीफ दीपक बैज ने सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए तंज कसा कि BJP सरकार अपने ही नेताओं की सुरक्षा नहीं कर पा रही है, तो फिर आम लोगों की क्या बिसात विपक्ष का आरोप है कि बस्तर फिर अशांत हैं, सरकार आदिवासियों को सुरक्षा नहीं दे पा रही है।
CG Ki Baat: विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि,नक्सलियों का उद्देश्य रंगदारी वसूलना भर बचा है, जिनका जल्द सफाया होना तय है। नक्सलवाद के सफाए के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मार्च 2026 की डे़डलाइन को लेकर बेहद संजीदा है। इसमें भी कोई शक नहीं कि लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन्स और पुलिस फोर्स की बदली स्ट्रेटेजी के चलते कई इलाकों से नक्सलियों के पांव उखड़ चले हैं लेकिन मुखबिरी के शक में जनअदालत लगातार आम लोगों की हत्या से सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।