CG Ki Baat: रायपुर। थाने पर हमला, पुलिस अफसर पर हमला, NH पर घंटों जाम, प्रशासन टीम पर हमला। पहले बलौदाबाजार, फिर कवर्धा, फिर सूरजपुर और अब बलरामपुर बार-बार निशाने पर शासन-प्रशासन और सरकार ही क्यों है? ये सबकुछ उस छत्तीसगढ़ में है जहां बड़े-बड़े मुद्दों का सुलह-समझौतों के जरिए समाधान मिल जाया करता था। विपक्ष का आरोप है कि, सरकार से प्रदेश संभल नहीं रहा तो सत्ता पक्ष का खुला आरोप है कि सियासी नफे के लिए जबरन आग भड़काने की साजिश रची जा रही है। सवाल ये है कि अगर ये साजिश भी है तो साजिशकर्ता क्यों बख्शे जा रहे हैं। अगर ये सोचा-समझा षड़यंत्र है तो इससे निपटने वाला तंत्र बार-बार बेअसर क्यों है? क्या चंद थानेदारों का सस्पेंशन या तबादला इस गंभीर षड़यंत्र से निपटने काफी है?
बलरामपुर में एक स्वास्थ्य कर्मचारी का शव कोतवाली थाने के बाथरूम में मिला। युवक को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। बताया जा रहा है कि मृत युवक की पत्नी लापता थी और इसी मामले में पुलिस उसे 10-15 दिनों से लगातार बुलाकर पूछताछ कर रही थी। गुरुवार को उसे फिर थाने बुलाया गया था। लेकिन, उसका शव बाथरूम की खिड़की में गमछे से लटका मिला। इसकी जानकारी मिलने पर स्थानीय लोग नाराज हो गए और थाने में उग्र प्रदर्शन किया। बेकाबू भीड़ ने थाने पर पथराव कर दिया।
छत्तीसगढ़ में अब तक बलौदाबाजार, कवर्धा और सूरजपुर की घटना को लेकर सियासी बवाल थमा भी नहीं है। इस बीच बलरामपुर में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत के माहौल बिगड़ा है। बलरामपुर में पहले तो स्थानीय लोगों ने थाने पर पथराव किया। सड़क जाम करने की कोशिश की। वहीं दूसरे दिन पुलिस के अफसरों को भी दौड़ा दौड़ाकर मारा। इस घटना ने एक बार फिर कानून व्यवस्था की स्थिति और पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगा दिया है। दूसरी ओर इसे लेकर सियासी घमासान भी तेज होता नजर आ रहा है। भाजपा ने घटना के पीछे कांग्रेस की साजिश होने की आशंका जताई।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा कि, सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है।दूसरी ओर कांग्रेस ने जहां इस मामले में जांच समिति बनाई है। वहीं, कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर जमकर हमला बोला। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की सरकार ने छत्तीसगढ़ को मणिपुर बना दिया है। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। वहीं, उन्होंने किरण सिंहदेव के बयान को बचकाना भी करार दिया।
छत्तीसगढ़ के तीन जिलों में अब तक कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो चुकी है। बलौदाबाजार में कलेक्टोरेट को आग के हवाले कर दिया गया। कवर्धा में तीन मौतों की वजह से बवाल के हालात बने। सूरजपुर में डबल मर्डर के बाद तनाव की स्थिति निर्मित हुई। अब बलरामपुर में भी स्थानीय लोगों के आक्रोश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। इससे कानून व्यवस्था की स्थिति पर तो सवालिया निशान लगा ही है। ऐसी घटनाओं ने चिंता भी बढ़ा दी है।