CG Ki Baat| Image Credit: IBC24
CG Ki Baat: रायपुर। पिछली सरकार के वक्त हुए कुछ गड़बड़ियों और घोटालों को बीजेपी ने मुद्दा बनाया। चुनाव में इनकी जांच का भारोसा दिया और अब उनकी जांच का जिन्न लगातार कांग्रेस और खासकर पूर्व CM भूपेश बघेल और उनके करीबियों के लिए सिर्ददर्द बढ़ा रहा है। बुधवार सुबह जिस तेजी और तगड़े अंदाज में CBI ने सर्जिकल स्ट्राइक शुरू की, उसने प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया। छापों की खबर के बाद कांग्रेस ने विरोध में धरना-प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। बयान और आरोपों के आंधी तो आज ही चल पड़ी है। प्रदेश की सियासत में पर इन छापों पर आरोप, बयान, सफाई और नसीहत सबकुछ सुनाई पड़ा।
बुधवार सुबह, छत्तीसगढ़ समेत देश के 4 राज्यों में 60 अलग-अलग जगहों पर CBI के छापों से हड़कंप मच गया। छत्तीसगढ़ में रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव के साथ-साथ भोपाल, कोलकाता, दिल्ली में CBI की जांच टीम्स ने एक साथ दबिश दी। CBI ने महादेव ऐप से जुड़े सभी आरोपी, सह-आरोपी और संदिग्धों के ठिकानों पर डिजिटल और दस्तावेजी सबूत जमा किए हैं। सबसे ज्यादा खलबली मची रायपुर-भिलाई में पूर्व CM भूपेश बघेल के ठिकानों पर CBI की रेड से।
कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी PCC चीफ दीपक बैज ने कहा कि, पूर्व CM भूपेश बघेल के यहां 15 दिन पहले ED रेड हुई अब CBI रेड, ना कोई नोटिस-ना कोई समन, सीबीआई का एपिसोड शुरू हो गया है। कांग्रेस ने पूछा आगे कौन, NIA, EOW या IT… कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार विपक्ष की आवाज डराकर खामोश करना चाहती है। बैज ने ये भी पूछा कि जिस महादेव सट्टा एप में घोटाले के आरोप में CBI अब आ गई है उसे अब तक बंद क्यों नहीं किया। क्या इसका कमीशन बीजेपी सरकार के पास जा रहा है? नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत ने इसे अन्याय बताया तो PCC प्रभारी सचिन पायलट ने X-पोस्ट कर केंद्रीय जांच ऐजेंसियों की निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
विपक्ष के वार पर बीजेपी ने भी करारा पलटवार किया। प्रदेश के डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस को आईना दिखाते हुए कहा कि, विपक्ष को तो CBI जांच पर बहुत भरोसा है। हाल ही में बजट सत्र में भारतमाला घोटाले की जांच लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ मंहत CM-PM को पत्र लिखकर CBI जांच मांग कर चुके हैं, ना मानने पर विपक्ष ने वॉकआउट तक किया। फिर अब कांग्रेस को CBI जांच पर भारोसा कर धैर्य रखना चाहिए।
कुल मिलाकर पिछली सरकार के दौरान हुए महादेव सट्टा एप की परते खोलने में जुटी CBI ने पूर्व CM ठिकानों को कई घंटों तक खंगाला, गाड़ियों तक की जांच की, बाहर कांग्रेसी सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शन करते रहे, लेकिन सवाल ये कि महादेव सट्टा ऐप जांच के लिए हुई ये रेड केवल बघेल के ठिकानों तक सीमित नहीं थी। CBI टीम्स ने राजनेताओं के साथ-साथ वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, प्रमुख पदाधिकारियों तक कई साथी-सहयोगी और संदेहियों के ठिकानों को सर्च किया तो फिर विपक्ष का इतना हो-हल्ला क्यों, सवाल ये भी की जांच के जिस CBI की मांग खुद कांग्रेस करती है अब उसकी जांच पर संदेह या विरोध क्यों?