रायपुर। CG Ki Baat: 14 सितंबर हिंदी दिवस पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ा ऐलान किया है, कहा कि इसी सत्र से प्रदेश में MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी, जिसपर विपक्ष ने कदम का स्वागत भी किया और सवाल भी उठा दिए। कांग्रेसी नेताओं हिंदी के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी में भी हायर टैक्निकल कोर्स शुरू करने की मांग की साथ ही, तंज कसा कि मध्यप्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में ऐसी ही लोकलुभावन फैसलों का बुरा हाल सबसे सामने है। सवाल ये है कि जहां बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के एक्सीलेंस स्कूलों में पढ़ाने की कवायद हो रही है वहां MBBS जैसे पाठ्यक्रम को हिंदी में पढ़ाने की पहल कितनी सार्थक होगी।
तो राष्ट्रीय हिंदी दिवस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ये घोषणा कर दी है कि अब प्रदेश में डॉक्टरी की पढ़ाई हिंदी में होगी। यानि प्रदेश के छात्र अब इसी सत्र से हिंदी माध्यम में MBBS का कोर्स कर सकेंगे। प्रदेश के स्वस्थ्य मंत्री की मौजूदगी में CM साय ने ऐलान किया कि इसी साल से छात्रों को हिंदी में MBBS करने की शुरूआत होगी। सरकार का मानना है कि इस कदम का लाभ प्रदेश के ग्रामीण इलाके के हजारों छात्रों को होगा। इधर, विपक्ष ने सरकार के इस फैसले का स्वागत तो किया लेकिन साथ ही इस कदम के औचित्य पर सवाल भी उठा दिए।
CG Ki Baat: दरअसल, 2020 में देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई, फरवरी 2022 में PM मोदी ने ऐलान किया कि नए कोर्स करने में होनहार छात्रों के सामने कोई लैंग्वेज बैरियर ना आए इसके लिए, MBBS समेत हायर टैक्निकल ऐजुकेशन कोर्सेज को हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने की पहल होगी। फिर साल 2022-2023 में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना जिसके सभी 13 मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में MBBS की पढ़ाई शुरू कराई गई, देश के गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी में MBBS फर्स्ट ईयर की 3 हिंदी किताबों का विमोचन किया। इसके बाद 2023 में ही यूपी-उत्तराखंड में भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में हिंदी में मेडिकल पढ़ाई की शुरूआत हुई हालांकि ये भी सच है कि हायर टैक्निकल कोर्सेज के हिंदी या रीजनल भाषाओँ में पढाए जाने के औचित्य पर कई एक्सपर्ट पहले भी सवाल उठा चुके हैं।