रायपुर। सूरजपुर कलेक्टर को आखिरकार हटा दिया गया, इसके साथ ही कांग्रेस को एक बार फिर आक्रमण का मौका मिल गया है। बैज ने ये गिना दिया कि बलौदाबाजार, कवर्धा और सूरजपुर कांड के बाद इन जिलों के कलेक्टर और SP नप गए, उनके तबादले हो गए। क्या ये लॉ एंड ऑर्डर की नाकामी नहीं है? कांग्रेस के इस सवाल का जवाब बीजेपी सरकार को देना होगा। क्योंकि, शायद यही सवाल जनता के मन में भी हो।
पहले बलौदाबजार, फिर कवर्धा और अब सूरजपुर, जहां-जहां उपद्रव हुआ, हिंसा हुई, लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठे। पुलिस और प्रशासन कटघरे में खड़ा दिखा। आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई, लेकिन उन जिलों के कलेक्टर और SP पर भी गाज गिरी और उनका तबादला कर दिया गया। लेकिन, अब प्रशासनिक फेरबदल को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर सवाल उठाए हैं। PCC चीफ दीपक बैज ने 10 महीने के भीतर बलौदाबाजार, कवर्धा और सूरजपुर जिले का जिक्र करते हुए कहा कि, इन 3 जिलों के कलेक्टर-SP हटाए जाने से ये साफ हो जाता है कि प्रशासन ने इन मामलों को हैंडल करने में कितनी लाचार थी।
दीपक बैज ने ये भी कहा कि, कलेक्टर-SP पर कार्रवाई करने की जगह गृह मंत्री का तबादला कर देना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से अपराध रूक जाएंगे। जबकि, बीजेपी ने जवाब देते हुए कहा कि यही विष्णुदेव साय सरकार का सुशासन है, जहां लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाता। प्रदेश में अपराध की घटनाओं को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल उठाती रही है। इस बीच 3 बड़ी घटनाओं में 3 जिलों के कलेक्टर और SP बदलने को लेकर कांग्रेस भले सरकार पर तीखा हमला बोल रही है।
बड़ी घटनाओं के बाद सरकार ने 3 जिलों के कलेक्टर-SP बदलकर जहां एक तरफ बड़ा संदेश दिया है। वहीं, प्रशासनिक कसावट को लेकर भी बड़ी पहल की है। इधर कांग्रेस लॉ एंड ऑर्डर को लेकर लगातार सवाल उठाकर कांग्रेस को घेरती आई है।