CG Ki Baat: रायपुर। चुनाव से पहले ही देश-प्रदेश में डबल इंजन सरकार बनाने का जबरदस्त शोर रहा है। सत्ता पक्ष का दावा है कि अभी प्रदेश में साय सरकार को बने 1 साल भी नहीं हुआ है और अब तक केंद्र से विभिन्न विकास कार्यों के लिए 20 हजार करोड़ से भी ज्यादा का बजट मिल चुका है। इसे कोरा झूठ बताते हुए कांग्रेस का आरोप है कि राज्य की जनता को दिख रहा कि कैसे राज्य के साथ अब भी सौतेला बर्ताव हो रहा है।
जवाब में बीजेपी ने तंज कसा है कि पिछली बघेल सरकार तो 5 सालों तक बस केंद्र के साथ चिट्ठी पॉलिटिक्स खेलती रही। लेकिन, खुद कभी किसी नए प्रोजेक्ट का प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेज पाई। सवाल ये है कि क्या प्रदेश में वाकई डबल इंजन सरकार कारगर है? क्या वाकई विकास की दोगुनी रफ्तार है? क्या कांग्रेस सौतेले बर्ताव का आरोप मढ़कर केवल विक्टिम कार्ड खेलती रही?
डबल इंजन सरकार से विकास की दोगुनी रफ्तार। ये दावा हम सबने बार-बार सुना लगातार सुना। अब जबकि छत्तीसगढ़ में सरकार बने 9 महीने बीत चुके हैं तो बीजेपी ने फिर दावा किया है कि, प्रदेश की साय सरकार को केंद्र की मोदी सरकार ने रेल ,सड़क, कोल ,खनन, स्वास्थ्य ,शिक्षा जैसी तमाम सेक्टर्स में हजारों-करोड़ों रुपए का बजट लगातार दिया है। सोमवार को दिल्ली से लौटे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि दिल्ली में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य में 3 नई सड़क परियोजनाओं के लिए 1 हजार करोड रुपए की राशि स्वीकृत की।
रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए 3000 करोड रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की जा रही है, जबकि कुछ ही समय पहले मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ में 10 परियोजनाओं के लिए 34 हजार 427 करोड रुपए स्वीकृत किए हैं, जो कि ऊर्जा, रेल मंत्रालय से संबंधित प्रोजेक्ट में लगेंगे। इसके अलावा प्रदेश में 78 में नए पीएम श्री स्कूल खोलने को स्वीकृति दी गई है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी लगातार GST समेत राज्य के हिस्से के अन्य कंपनसेशन राशि केंद्र से लाने का दावा करते रहे हैं। इन सभी विकास कार्यों को लेकर मंत्री केदार कश्यप ने पिछली कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, बीते 5 साल में कांग्रेस सरकार, राज्य के विकास के लिए एक प्रस्ताव तक केंद्र को ना भेज पाई। सत्ता पक्ष के इस दावे को विपक्ष ने सिरे से खारिज करते हुए उल्टे प्रदेश के साथ केंद्र के सौतेले बर्ताव का आरोप लगाया।
वैसे, केंद्र और राज्य में एक ही दल की सरकार होने पर कामों में रफ्तार आना स्वाभाविक है। ये भी सच है कि केंद्र की योजनाएं हों या राज्य के रुके प्रोजेक्ट इनके कार्यों में डबल इंजन की रफ्तार का फर्क आम जनता को साफ-साफ दिखना चाहिए। सवाल ये है कि क्या दावे के मुताबिक जमीन पर विकास कार्य जनता को दिख रहे हैं, सवाल ये भी कि क्या वास्तव में पिछली कांग्रेस सरकार ने केंद्र के सामने राज्य के विकास के लिए कोई नया प्रोजेक्ट या प्रस्ताव नहीं दिया ?