रायपुर।CG Ki Baat: बीते दिन जशपुर विधायक के विरोध में इलाके के हजारों मसीही समुदाय के लोगों ने 130 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई। जाहिर है इस विरोध पर जमकर बहस छिड़ गई है। दरअसल, मसीही समाज भाजपा विधायक रायमुनि भगत के एक बयान से भड़का हुआ है। दूसरी तरफ, बीजेपी विधायक इस विरोध के बाद भी अपने बयान पर कायम हैं और इसके पीछे अवैध धर्मांतरण को बड़ी वजह मानती हैं। बीजेपी विधायक ने उनका विरोध करने वालों से सीधे और तीखे सवाल पूछकर इलाके में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखने का दावा किया है। सवाल ये है कि क्या इस विवाद के पीछे धर्मांतरण का खेल असल वजह है ? या फिर ये एक सियासी लड़ाई है जिस पर धर्म का रंग चढ़ाया जा रहा है ?
स्थानीय विधायक के खिलाफ तख्तियां लिए मानव श्रृंखला की ये तस्वीर जशपुर की हैं, जहां मसीही समाज के हजारों लोगों ने भाजपा विधायक रायमुनी भगत के विवादास्पद बयान का जमकर विरोध किया। इससे पहले मसीही समाज के लोगों बीजेपी विधायक रायमुनी भगत के खिलाफ 10 जगहों पर FIR दर्ज करने के लिए शिकायती आवेदन भी दिया। दावा है कि इस मानव श्रृंखला प्रदर्शन में करीब डेढ लाख लोग शामिल हुए।
दरअसल, 1 सितंबर को मनोरा के एक भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंची जशपुर से बीजेपी विधायक रायमुनी भगत ने ईसा मसीह को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिसपर क्षेत्र का पूरा मसीही समाज भड़का हुआ है। समाज की सत्ता पक्ष के विधायक से नाराजगी के बीच कांग्रेस ने भी मुद्दे पर लगे हाथ बीजेपी को आड़े हाथ लिया, पूर्व डिप्टी CM टीएस सिंहदेव ने मामले में रायमुनी पर कार्रवाई की मांग की।
इधर, इलाके में इतना मुखऱ विरोध होने के बाद बी भाजपा विधायक रायमुनी भगत अपने बयान पर कायम हैं। उनका कहना है कि वो जब तक जिंदा हैं, अवैध धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाती रहेंगी। उल्टे उन्होंने मानव श्रंखला बनाने वालों से पूछा वो कागजी सुबूत दें कि वो ईसाई कब बनें ? विधायक रायमुनि ने पूछा कब लोगों ने कलेक्टर को आवेदन दिया, कब विधिवत ईसाई धर्म अपनाया ? सवाल पूछा कि पूरे जशपुर जिले में प्रशासन के खिलाफ एक भी व्यक्ति का आंकड़ा ना होने के बाद भी इतने ईसाई लोग कहां से आए ? रायमुनि ने दो टूक कहा कि आदिवासियों के आरक्षण का हक खाने, दोहरा लाभ लेने का खेल नहीं चलेगा।
CG Ki Baat: वैसे जशपुर में धर्मांतरण हमेशा से बड़ा मुद्दा रहा है। 1905 में, फादर लिंक्टन के पहली बार जशपुर आकर 64 परिवारों को धर्मांतरित करने का जिक्र मिलता है। आरोप है तभी से वैध-अवैध तरीके से धर्मांतरण का खेल चला विवाद इस बात को लेकर है कि एक तो बिना वैध प्रक्रिया अपनाए लोभ,भय या लाभ के लिए धर्मांतरण होता है, दूसरा धर्म बदलने के बाद भी धर्मांतरित लोग आदिवासियों के कोटे को मिलने वाले सारे लाभ लेते रहे हैं। पर यहां विधायक रायमुनि से जुड़े विवाद में सबसे बड़ा सवाल ये भी है क्या बिना ईसा मसीह पर विवादास्पद टिप्पणी किए धर्मांतरण का विरोध नहीं किया जा सकता था ?