CG Corruption: रायपुर। 2023 में साय सरकार ने प्रदेश की जनता से बड़ा वायदा किया था कि वो कांग्रेसकाल के घोटालों को ना सिर्फ उजागर करेगी, बल्कि इसे खत्म करने नीति और नियमों में बदलाव भी करेगी। शुरूआती 6 महीनों में ही साय सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर इस दिशा में कदम भी बढ़ा दिए हैं। बीजेपी का दावा है कि ये सभी कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाए गए हैं। मामले में कांग्रेस बैकफुट पर है, सफाई की मुद्रा में है। सवाल है कि क्या बीजेपी के दावे पॉलिटिकल गिमिक मात्र हैं या फिर वाकई नई सरकार की नीतियां करप्शन को जड़ से उखाड़ फेंकने में प्रभावी साबित होंगी?
प्रदेश की साय सरकार का दावा है कि वो जीरो टॉलरेंस की राह पर है। दावे के पक्ष में कुछ एक्शन लगातार दिखाई दे रहे हैं। आबकारी घोटाले पर नित नए खुलासे, आबकारी में L-10 लाइसेंसिंग खत्म, कोल के लिए मैनुअल DO खत्म, CSIDC के सभी रेट कॉन्ट्रैक्ट खत्म, जेम पोर्टल व्यवस्था फिर से शुरू, महादेव एप और कोल घोटालों में लगातार ACB-EOW का एक्शन जारी है। इन फैसलों के जरिए भाजपा ने पिछली कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार से कनेक्शन्स को काटने का दावा किया है।
बीजेपी का तर्क है कि कांग्रेस सरकार के वक्त रोके गए जेम पोर्टल और CSIDC के जरिए खरीदी पर रोक लगाई गई , क्योंकि वो भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस पर सवाल उठा दिए हैं। सरकार के एक्शन भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं या कांग्रेस के, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन, सियासत की इस नूराकुश्ती में फिलहाल विपक्ष बैकफुट पर दिख रहा है।