रायपुर: Congress Vidhan Sabha Ticket Price विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बड़ा स्कैम हुआ है। टिकट के सौदागरों ने एक-दो नहीं बल्कि चार-चार नेताओं से कांग्रेस की टिकट दिलाने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठे। जो नेता ठगी के शिकार हुए उनकी कहीं नहीं सुनी जा रही, तो उन्होंने अपनी शिकायत थाने में दर्ज कराई है।
Congress Vidhan Sabha Ticket Price राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाले हर राजनेता की ख्वाहिश होती है कि उसे चुनाव लड़ने का मौका मिले और टिकट पाने के लिए वो पूरी इमानदारी से दिन-रात मेहनत भी करता है। कुछ ऐसी ही चाहत थी छग महिला कांग्रेस कमेटी की सचिव नलिनी मेश्राम कीं। 2023 विधानसभा चुनाव में राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट के लिए जोर लगाया। चुनाव में नलिनी को टिकट तो नहीं मिला लेकिन उन्होंने 30 लाख की बड़ी रकम गंवा दी।
नलिनी मेश्राम, सचिव, छग महिला कांग्रेस कमेटी ने IBC24 से बात करते हुए कहा कि मुझे कांग्रेस की टिकट दिलाने का ऑफर किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के दूत आने वाले है, जिताऊ प्रत्याशी का सर्वे कर रहे है। 4 दिन बाद राहुल गांधी का दूत कहकर मुझे घनश्याम विश्वकर्मा से भेंट कराया। फिर घनश्याम विश्वकर्मा ने कहा कि मैं राहुल गांधी का दूत हू। आपको टिकट भी दिलाएंगे और मंत्री भी बनाएंगे।
तो क्या कांग्रेस में टिकट बिकता है? और 2023 विधानसभा चुनाव में पैसे लेकर टिकट बांटे गए? ऐसे कई सवाल हैं, जो नलिनी के बयान से उठे। बता दें कि राजेश गुप्ता ही वो शख्श था, जिसने नलिनी को टिकट का ऑफर किया था। राजेश गुप्ता राजनांदगांव में निर्दलीय पार्षद हैं, चुनाव से पहले SC वर्ग के लिए रिजर्व डोंगरगढ़ विधानसभा सीट के लिए एलडीएम बना था। तो दूसरी तरफ घनश्याम विश्वकर्मा वो शख्स है, जिसे राजेश गुप्ता ने राहुल गांधी का दूत बताया था।
दोनों ने बकायदा टिकट नहीं मिलने पर पैसे वापसी की गारंटी भी दी। नलिनी ने बताया कि राजेश गुप्ता और घनश्याम विश्वकर्मा ने कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात के लिए दिल्ली बुलाया, लेकिन वहां किसी से मुलाकात नहीं कराया। इस बीच कांग्रेस ने अधिकृत रुप से डोंगरगढ़ विधानसभा के लिए प्रत्याशी घोषित भी कर दी, जिसमें नलिनी मेश्राम का नाम नहीं था। तब भी राजेश गुप्ता और घनश्याम विश्वकर्मा नलिनी को फार्म भरने और अंतिम समय में कांग्रेस प्रत्याशी की टिकट कटने की बात कहते रहे। तब तक नलिनी ने टिकट के लिए 30 लाख की राशि दे चुकी थी।
नलिनी मेश्राम ने आगे बताया कि 30 लाख रुपए 5 किस्तो में दिए। सबसे पहले 4 लाख रुपए दिए। 7 लाख रुपए अपनी भंडारा निवासी समधी से उधार मांगकर दी। 10 लाख रुपए साई ज्वेलर्स से लेकर दी। साढ़े 5 लाख रुपए बरड़िया ज्वेलर्स और साढ़े 3 लाख रुपए घर में रखे नगद को दी।
अब नलिनी मेश्राम को मालूम हो चुका था कि वे टिकट पाने की चक्कर में फर्जीवाड़ा का शिकार हो चुकी है। फिर वो लगातार घनश्याम विश्वकर्मा और राजेश गुप्ता से पैसे मांगती रही। लेकिन दोनों ने पैसे वापस नहीं किए। दोनों के मोबाइल नंबर भी बंद है। नलिनी ने अपनी व्यथा प्रदेश कांग्रेस नेताओं को अपनी व्यथा सुनाई, लेकिन जब कोई मदद नहीं मिली तो हार कर FIR दर्ज कराई।
IBC24 से बातचीत के दौरान नलिनी ने टिकट के नाम पर हुई ठगी की पूरी आपबीती बताई। साथ ही उन्होंने एक मोबाइल क्लिप भी साझा किया, जिसमें राजेश गुप्ता और नलिनी मेश्राम और उनके पति की आवाज आ रही है। वीडियो में राजेश गुप्ता पैसे लेनदेन के बारे में इंकार कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव को बीते करीब-करीब 10 महीने बीत चुके हैं। राजेश गुप्ता और घनश्याम विश्वकर्मा FIR के बाद फरार हैं, तो नलिनी इस इंतजार में बैठी हैं कि टिकट के लिए 30 लाख रिश्वत के बदले में गंवाई थी वो उन्हें मिल जाए।