CG Collector Conference: रायपुर। प्रदेश की साय सरकार अब प्रशासनिक कसावट के लिए कमर कस के तैयार है। गुरूवार को दिनभर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विभिन्न विभागों, केंद्र और राज्य की योजनाओं की समीक्षा की, जिन जिलों में योजनाओं के हाल खराब हैं उन्हें जमकर फटकार लगी है तो जहां बेहतर कार्य हुआ उन्हें शाबासी मिली। कांग्रेस इसे विपक्ष के आंदोलनों से बना दबाव बताते हुए कोरी सियासी नौटंकी बता रहा है तो सत्तापक्ष का दावा है कि, मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठकों से पूरी सरकारी मशीनरी में चुस्ती आना तय है। बड़ा सवाल ये कि इतनी निगरानी के बाद भी कुछ जिले योजनाओं के क्रियान्वयन में फिसड्डी क्यों हैं ? CM के तल्ख तेवर का कितना असर होगा ? क्या ये विपक्ष के प्रदर्शनों का दबाव है ? क्या अब विपक्ष वाकई मुद्दाविहीन होगा?
राजधानी रायपुर में साय सरकार ने, केंद्र की योजनाओं की राज्य में स्थिति और प्रशासनिक कसावट लाने के मकसद से गुरूवार दिन भर मैराथान समीक्षा बैठकें की। रायपुर के सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर के तमाम जिलों के कलेक्टर्स के साथ कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की, जिसमें विभिन्न विभागों और की समीक्षा की गई। सहकारिता विभाग समीक्षा के दौरान CM साय ने निर्देश दिए कि भूमिहीन परिवारों को जाति प्रमाण पत्र में कोई परेशानी ना हो, स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान CM ने सुपेबेड़ा में किडनी रोगियों पर चिंता जताते हुए निर्देश दिया कि दिल्ली से एक्सपर्ट बुलाएं, राष्ट्रीय डायलिसिस प्रोग्राम का लाभ सुनिश्चित करें।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना की समीक्षा के दौरान CM ने खैरागढ़, सारंगढ़, सक्ती, रायगढ़ जिलों की प्रगति शून्य होने पर नाराजगी जताई, शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान सुकमा, बलरामपुर जिलों में साइकिल वितरण में देरी पर जिला कलेक्टर्स को फटकार लगाते हुए कहा कि, आगे से लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, तो वहीं TB उन्मूलन प्रोग्राम मे रायपुर-बिलासपुर की अच्छे प्रदर्शन के लिए तारीफ भी की, प्रदेश की सबसे महती योजना महतारी वंदन को लेकर CM का सख्त निर्देश है कि पात्र महिलाएं योजना के लाभ से वंचित नहीं होनी चाहिए।
PM मातृ वन्दन योजना में तेजी लाने का भी निर्देश दिया, आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा के दौरान PM जन मन योजना के शत-प्रतिशत लाभ दिलाने का भी निर्देश दिया। CM का निर्देश है कि, डिजिटलाइजेशन कार्य में तेजी लाएं, आश्रम-छात्रावास व्यवस्था का खुद कलेक्टर निरीक्षण करें। इसके अलावा दूसरे सत्र में CM साय ने कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, उद्यानिकी, पशुधन विभागों की समीक्षा की…दिन भर चली समीक्षा बैठकों के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सही करेगा ईनाम पाएगा और जो गलत करेगा उसे दंड मिलेगा। इधर, मुख्यमंत्री की इस कवायद को विपक्ष सरकार की नाकामी छिपाने का तरीका बता रही है।
दीपक बैज का कहना है कि, कानून-व्यवस्था समेते विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस के लगातार प्रदर्श से सरकार डर गई। कुल मिलाकर सरकार की मंशा चुस्त पुलिसिंग, सजग और संवेदनशील प्रशासन देने की दिखी, जिसे लेकर विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है तो दूसरी तरफ मोदी सरकार की योजना का जमीन पर हाल और राज्य की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित कर आगामी चुनावों के लिए पार्टी की स्थिति मजबूत रखने का लक्ष्य है। बड़ा सवाल ये कि क्या ये कवायद विपक्ष के प्रदर्शन के दवाब में है ? क्या इस एक्सरसाइज से जमीनी स्तर पर फर्क दिखेगा?