रायपुर । प्रदेश के चुनावी अखाड़े में उतरने से पहले राजनेता अपनी जुबान को धार देने में लगे हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया को भी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्विटर पर वार-पलटवार का शब्द गधा, मुर्गा, मूर्ख, बरनोल और बत्ती तक पहुंच गया है। आखिर ऐसे शब्दों का उपयोग क्यों हो रहा है जिससे मर्यादा तार-तार होती दिख रही है। सवाल है कि क्या ऐसे वार-पलटवार से राजनीतिक शिष्टाचार खत्म हो रहा है?सोशल मीडिया को जंग का मैदान क्यों बनाया जा रहा है और आखिर जनप्रतिनिधियों की बौखलाहट की वजह क्या है? आज इसी विषय पर डिबेट करेंगे लेकिन पहले एक रिपोर्ट दिखाते हैं।
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ये छत्तीसगढ़ के नेताओं की नई शब्दावली है, जो इन दिनों ट्विटर पर धड़ल्ले से इस्तेमाल की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर एयरपोर्ट से दुर्ग तक शुरू हुई सिटी बस के एक ट्वीट को लेकर शुरू हुए इस वार-पलटवार में कांग्रेस और भाजपा सोशल मीडिया के पदाधिकारी आमने-सामने हैं। एक दूसरे को झुकाने के लिए 14 घंटे तक एक दर्जन से ज्यादा ट्वीट किए गए। कांग्रेस और भाजपा के इस ट्वीट पर दोनों दलों के बड़े नेता भी आमने-सामने हैं। 2023 चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है । जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे वैसे कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग के साथ सोशल मीडिया पर भी घमासान बढ़ता जा रहा है लेकिन असल मुद्दों की बात अब भी अधूरी है।
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