Bhoramdev Corridor: छत्तीसगढ़ के खजुराहो में अब और उमड़ेगी भक्तों की भीड़, काशी की तर्ज पर जल्द बन सकता है भोरमदेव कॉरिडोर

Bhoramdev Corridor: छत्तीसगढ़ के खजुराहो में अब और उमड़ेगी भक्तों की भीड़, काशी की तर्ज पर जल्द बन सकता है भोरमदेव कॉरिडोर

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 09:54 AM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 09:54 AM IST

Bhoramdev Corridor: रायपुर। रामलला के ननिहाल छत्तीसगढ़ में जल्द ही ‘काशी कॉरिडोर’ की तर्ज पर ‘भोरमदेव कॉरिडोर’ बनने वाला है। प्रदेश सरकार ने छत्तीसगढ़ में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। छत्तीसगढ़ भाजपा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विष्णु देव सरकार ने काशी कारीडोर की तर्ज पर कवर्धा में स्थित भोरमदेव मंदिर को लेकर भी कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। टूरिज्म कॉरिडोर बनने से प्रदर्शन प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे।

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छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM विजय शर्मा ने नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से इसे लेकर मुलाकात की। उन्होंने प्रदेश में केंद्रीय योजनाओं के तहत कुछ स्थलों में डेवलपमेंट की मंजूरी देने का आग्रह किया है। प्रदेश में कवर्धा के प्राचीन भोरमदेव मंदिर को टूरिस्ट कॉरिडोर में विकसित करने की तैयारी है। इस प्रोजेक्ट में भोरमदेव मंदिर परिसर का विकास, सौंदर्यीकरण, पर्यटक सूचना केंद्र, शिव प्लाजा, झील और सरोदा डैम का सौंदर्यीकरण, बच्चों के लिए पार्क, गेस्ट हाउस, लाइब्रेरी, म्यूजियम, भंडारा भवन, मेला ग्राउंड, प्रवेश द्वार और पार्किंग का निर्माण शामिल है। इसके अलावा छेरकी महल, मड़वा महल और रामचूआ मंदिर का सौंदर्यीकरण और वाटर स्पोर्ट्स के लिए घाट निर्माण का भी प्रस्ताव है।

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उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि, स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत महाप्रभु वल्लभाचार्य यज्ञ कुंड परिसर, चंपारण्य के सौंदर्यीकरण और भोरमदेव कॉरिडोर जिला कबीरधाम की परियोजनाओं के लगभग 200 करोड़ रुपये के प्रपोजल भारत सरकार को सौंपे गए हैं। इस प्रस्ताव में महाप्रभु वल्लभाचार्य यज्ञ कुंड परिसर, चंपारण्य में परिसर का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार, तालाब ब्यूटीफिकेशन, पार्किंग एरिया, महाप्रभु वल्लभाचार्य की भव्य प्रतिमा, म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर, भागवत कथा और प्रवचन हॉल, बच्चों के लिए गार्डन, कैफेटेरिया, सड़क निर्माण, लैंडस्कैपिंग, सोवेनियर शॉप, पेयजल और पब्लिक टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास प्रस्तावित है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन योजनाओं की सराहना करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को इनके क्रियान्वयन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

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भोरमदेव मंदिर कहाँ स्थित है?

भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में स्थित है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

भोरमदेव कॉरिडोर बनाने का क्या उद्देश्य है?

भोरमदेव कॉरिडोर, 'काशी कॉरिडोर' की तर्ज पर विकसित एक धार्मिक और पर्यटन परियोजना है, जिसका उद्देश्य भोरमदेव मंदिर और आसपास के क्षेत्रों को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है।

भोरमदेव कॉरिडोर के निर्माण से क्या लाभ होंगे?

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। क्षेत्र में बुनियादी ढांचा और सुविधाएं बेहतर होंगी।

भोरमदेव मंदिर का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

भोरमदेव मंदिर को "छत्तीसगढ़ का खजुराहो" कहा जाता है। यह 11वीं शताब्दी में निर्मित है और भगवान शिव को समर्पित है। इसकी वास्तुकला खजुराहो और कोणार्क मंदिरों से मिलती-जुलती है।

भोरमदेव कॉरिडोर परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है?

छत्तीसगढ़ सरकार ने इस परियोजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है और स्वीकृति की प्रतीक्षा है। परियोजना के स्वीकृत होने पर निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा।