Reported By: Rajesh Raj
,Bharatmala Project Corruption Case: रायपुर-विशाखापट्टनम भारत माला प्रोजेक्ट में करोड़ो का भ्रष्टाचार / Image Source: IBC24
रायपुरः Bharatmala Project Corruption Case रायपुर-विशाखापट्टनम एक्सप्रेस वे भारतमाला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का मामला लंबे समय से सियासी गलियारों में गूंज रहा था। इस मुद्दे को लेकर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस देखने को मिली थी। वहीं, अब भारतमाला प्रोजेक्ट की सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं। मामले में सरकार ने EOW से जांच कराने का ऐलान किया है। EOW जांच के आदेश होने के बाद ये माना जा रहा है कि कई नामी गिरामी लोगों का नाम भी इस मामले में सामने आ सकता है।
Bharatmala Project Corruption Case मिली जानकारी के अनुसार भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए अभनपुर तहसील के नायकबांधा, झांकी, सातपारा, टोकरो और भेलवाडीह गांव की जमीन अधिग्रहण की गई है। बताया जा रहा है कि जमीन अधिग्रहण के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया हुआ। बताया गया कि एक जमीन को कई हिस्सों में बांटकर शासन से मोटी रकम वसूली की गई है, जिसकी अब तक 4 शिकायतें हो चुकी है। बता दें कि IBC24 के पास भ्रष्टाचार से जुड़े कई अहम दस्तावेज भी मौजूद हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान विभागीय मंत्री टंकराम वर्मा ने भ्रष्टाचार होने की बात स्वीकार की। विधानसभा में चर्चा के दौरान राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने स्वीकार किया कि भारत माला परियोजना में अनियमितताएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद रकबे के टुकड़े कर दिए गए। पहले से अधिकृत भूमि का दोबारा भू-अर्जन किया गया। वहीं, अब सरकार ने मामले की EOW जांच के आदेश दिए हैं।
ज्ञात हो कि भारत माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया।