Anti-Naxal operation in Chhattisgarh: ढाई महीनों में ढह गया नक्सलियों का किला!.. प्रदेश की साय सरकार को बस्तर में अभूतपूर्व कामयाबी.. देखें आंकड़े..

सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजनाओं के तहत लाभ दिया जा रहा है, जिससे शांति बहाल करने की दिशा में मजबूती मिल रही है।

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  • Publish Date - March 17, 2025 / 08:05 PM IST,
    Updated On - March 17, 2025 / 08:05 PM IST

Anti-Naxal operation Data 2025 in Chhattisgarh || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • 84 नक्सलियों का आत्मसमर्पण – 2025 में अब तक 84 नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
  • 137 नक्सली गिरफ्तार – सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 137 नक्सलियों को पकड़कर माओवादी नेटवर्क को कमजोर किया गया।
  • 56 नक्सली मुठभेड़ में ढेर – सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति से 56 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए, भय का माहौल।

Anti-Naxal operation Data 2025 in Chhattisgarh: रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। बस्तर में माओवादियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। केंद्र और राज्य सरकारों ने इस वर्ष नक्सलवाद के खात्मे को लेकर ठोस रणनीति अपनाई है। सुरक्षा बलों की लगातार चल रही कार्रवाई से प्रतिबंधित माओवादी संगठनों में भय का माहौल है।

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2024 में हुई बड़ी कार्रवाई, 2025 में भी जारी है अभियान

पिछले वर्ष बस्तर में कई ताबड़तोड़ मुठभेड़ों को अंजाम दिया गया, जिसमें कई नक्सली मारे गए और बड़ी संख्या में गिरफ्तारी हुई। 2025 में भी सरकार और पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। अब तक कुल 84 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 137 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 56 नक्सली सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए हैं।

सरकार द्वारा नक्सलियों के पुनर्वास के लिए आकर्षक नीतियां पेश की गई हैं, जिससे माओवादी संगठन के कई सदस्य मुख्यधारा में लौट रहे हैं। ‘नियद नेल्लार योजना’ जैसे कार्यक्रमों का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। सरकार का दावा है कि अगले वर्ष में बस्तर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों से नक्सलवाद का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा।

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नक्सलवाद के खात्मे की ओर बस्तर

सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के चलते नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजनाओं के तहत लाभ दिया जा रहा है, जिससे शांति बहाल करने की दिशा में मजबूती मिल रही है। छत्तीसगढ़ सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में बस्तर को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाया जाए।

सरकार नक्सलवाद के खात्मे के लिए क्या कदम उठा रही है?

सरकार ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई है, पुनर्वास योजनाएं लागू की हैं, और 'नियद नेल्लार योजना' जैसे विकास कार्यक्रम शुरू किए हैं।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को क्या लाभ मिलते हैं?

उन्हें एकमुश्त राशि, सरकारी नौकरी, और आवास जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

क्या बस्तर क्षेत्र नक्सल मुक्त हो गया है?

हाल के अभियानों से नक्सलवाद में कमी आई है, लेकिन पूरी तरह नक्सल मुक्त होने के लिए प्रयास जारी हैं।