उत्तर सही ​फिर भी नंबर नहीं! रविशंकर यूनिवर्सिटी में कॉपियों के मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ी आयी सामने

pt ravishankar shukla university news: संवैधानिक कानून, MA इंग्लिश समेत कई विषयों में सही उत्तर पर भी पेपर जांचने वालों ने नंबर नहीं दिए हैं। वहीं मल्टीपल आप्शन वाले कई प्रश्नों में 4 की बजाए 5 आप्शन दिए गए ​जिसके कारण छात्र परीक्षा हाल में असमंजस में पड़़ गए।

  •  
  • Publish Date - May 2, 2024 / 07:20 PM IST,
    Updated On - May 2, 2024 / 07:20 PM IST

pt ravishankar shukla university news: रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की मूल्यांकन प्रक्रिया में एक बार फिर से बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। संवैधानिक कानून, MA इंग्लिश समेत कई विषयों में सही उत्तर पर भी पेपर जांचने वालों ने नंबर नहीं दिए हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब कम नंबर आने पर छात्रों ने सूचना के अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका की प्रति मांगी।

बता दें कि प्रदेश की सबसे बड़ी और नामचीन विश्वविद्यालय पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय इन दिनों चर्चा में हैं। बीते दिन जहां सेमेस्टर परीक्षा के फॉर्म भरने में आ रही समस्या के कारण सुर्खियों में रहा और कई छात्रों को फॉर्म आनलाइन फॉर्म भरने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी वहीं अब फिर से कॉपी के मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है।

read more: Priyanka Gandhi MP Visit : ‘मेरे पिता को विरासत में पैसा नहीं बल्कि शहादत मिली’… मुरैना में भाषण के दौरान भावुक हुई प्रियंका गांधी

आपको बता दें कि संवैधानिक कानून, MA इंग्लिश समेत कई विषयों में सही उत्तर पर भी पेपर जांचने वालों ने नंबर नहीं दिए हैं। वहीं मल्टीपल आप्शन वाले कई प्रश्नों में 4 की बजाए 5 आप्शन दिए गए ​जिसके कारण छात्र परीक्षा हाल में असमंजस में पड़़ गए। गड़बड़ी का यह अकेला मामला नहीं है। वार्षिक परीक्षा में कई विषयों के पेपर कुल 50 नंबर के सेट किेए गए, जबकि पूरा पेपर कुल 80 अंक का होता है। वहीं कुछ पेपर में 15 प्रश्न ही प्रकाशित थे जबकि छात्रों को अनिवार्य रूप से 20 प्रश्न करने कहा गया।

read more: रिंकू को बाहर रखना सबसे कठिन फैसला था, उसकी कोई गलती नहीं थी : अगरकर

पूरे मामले में विश्वविद्यालय के कुल सचिव शैलेंद्र पटेल ने दावा किया है कि जल्द की त्रुटियों को जांच कर सुधार लिया जाएगा। जिन छात्रों ने प्रश्न अटेंप्ट किया है उन्हे अंकों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। गलती करने वाले संबंधित प्राध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी लिखा गया है।