Reported By: Saurabh Singh Parihar
,रायपुर: Satnami Guru is opportunist छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज वर्चस्व कई दशकों से चले आ रहा है। सतनामी समाज में आज भी गुरु शिष्य की परंपरा चली आ रही है। इस समाज के लोग आज भी गुरु घासीदास के साथ-साथ उनके वंशज को भी अपना गुरु मानते हैं और उनका सम्मान करते हैं। लेकिन इस बीच पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता शिव डहरिया ने गुरु शिष्य पंरपरा को लेकर ऐसा बयान दे दिया है कि बवाल मच सकता है। बता दें कि शिव डहरिया खुद सतनामी समाज से आते हैं।
Satnami Guru is opportunist दरअसल शिव डहरिया ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सतनामी समाज में गुरु प्रथा बंद होना चाहिए। उनका कहना है कि सतनामी समाज के 80% लोग गुरु प्रथा बंद करना चाहते हैं। शिव डहरिया की मानें तो सतनामी समाज के गुरु लोग अवसरवादी हैं। गुरु घासीदास के वंश में पैदा होने से कोई गुरु नहीं होता है। बाबा गुरु घासीदास जी ही सतनामी समाज के असली गुरु हैं। कांग्रेस सरकार थी तो कांग्रेस में थे, फिर BJP में आए।
शिव डहरिया के इस बयान से ये साफ होता है कि उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए सतनामी समाज के गुरु बाल दास और खुशवंत दास पर निशाना साधा है। लेकिन समाज के गुरुओं को लेकर ऐसा बयान देना शिव डहरिया को भारी पड़ सकता है। बता दें कि हाल ही में बलौदा बाजार में सतनामी समाज का जैतखाम तोड़े जाने को लेकर जमकर बवाल मचा था।
वहीं, शिव डहरिया के इस बयान पर BJP MLA गुरु खुशवंत ने कहा कि समाज को मालूम है गुरु के रास्ते पर कौन चल रहा है। शिव डहरिया मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। डहरिया सरकार की स्वास्थ्य योजना का लाभ ले सकते हैं। शिव डहरिया मंत्री रहते हुए समाज के लिए कुछ नहीं किए।
गौरतलब है कि सतनामी समाज के धर्म गुरु बालदास और उनके बेटे खुशवंत दास समेत सतनामी समाज के तीन धर्म गुरूओं ने विधानसभा चुनाव से ऐन पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था। वहीं, आरंग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए खुशवंत दास ने शिव डहरिया को करारी मात दी थी।