CG School News: रायपुर। नया शिक्षण सत्र शुरू होते ही जर्जर स्कूल भवनों, शिक्षकों की कमी समेत स्कूलों की तमाम कमियों पर सियासी आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुके हैं। सत्ताधारी दल भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस छिड़ गई है कि प्रदेश के जर्रर स्कूल भवनों और स्कूल एजुकेशन सिस्टम में विभिन्न खामियों के लिए कौन जिम्मेदार है? बीजेपी का आरोप है पिछली सरकार के वक्त स्कूलों का बुरा हाल हुआ तो कांग्रेस कह रही है बहाने छोड़ अब सरकार समस्याओं को दुरूस्त करे। नौनिहालों से जुड़े इस अहम मुद्दे पर देखें ये खास रिपोर्ट..
नया शिक्षण सत्र शुरू होते ही छत्तीसगढ़ में जर्जर स्कूल भवनों पर बहस गर्माने लगी है। कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने छत्तीसगढ़ के स्कूलों की जर्जर स्थिति के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि बीते 5 सालों के दौरान पूर्व CM और पूर्व डिप्टी CM के आपकी झगड़े के चलते स्कूली शिक्षा का बुरा हाल हुआ। क्योंकि भूपेश सरकार में शिक्षा मंत्री प्रेम साय टेकाम, बाबा गुट यानि टीएस सिंहदेव गुट के थे, सो लगातार स्कूल शिक्षा विभाग की अनदेखी की गई।
केदार कश्यप ने दावा किया कि अब विष्णुदेव साय की सरकार के लिए शिक्षा विभाग टॉप प्रायोरिटी पर है, इसीलिए उसकी चिंता है। कांग्रेस सरकार पर केदार कश्यप के वार पर PCC चीफ दीपक बैज ने जवाब दिया। बैज ने पलटवार में कहा कि हर मुद्दे पर आरोप लगाना BJP की आदत है। बैज ने तंज कसा कि BJP सरकार में तो स्कूल खुलने के समय शिक्षामंत्री ही नहीं है। महीना भर बीत गया, बीजेपी एक शिक्षा मंत्री तक नहीं बना पाई।
CG School News: 2023 में विधानसभा चुनाव जीतकर बनी साय सरकार ने प्रदेश की स्कूल शिक्षा विभाग सीनियर नेता बृजमोहन अग्रवाल को दिया। लेकिन, पिछले दिनों उनके सांसद बनकर इस्तीफा देने के बाद से अब तक स्कूल शिक्षा विभाग का कोई मंत्री नहीं है। दूसरी तरफ नए शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए शाला प्रवेशोत्सव यानि स्कूल लगने के पहले दिन से ही कई क्षेत्रों में जर्जर स्कूल भवनों को लेकर छात्रों-पालकों का विरोध सामने आ चुका है। सवाल ये है कि प्रदेश के नौनिहालों की स्कूली शिक्षा से जुड़ी अहम समस्याओं का समाधान वक्त रहते मिलेगा या फिर ये शिक्षण सत्र भी बच्चों को जर्जर स्कूल भवनों में बिताना होगा।