1700 students of PRSSU got zero marks : रायपुर। छत्तीसगढ़ की सबसे बड़े यूनिवर्सिटी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (PRSU) में इस साल UG के 80 फीसदी बच्चे फेल हो गए हैं। कोरोना के कारण तीन साल बाद ऑफलाइन परीक्षा हुई, जिसके चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। इस साल रविवि के परिणाम सोच में डाल दिया कि बच्चे वाकई में कमजोर हैं या कोरोना में प्रभावित हुई पढ़ाई ने कमजोर बना दिया है।
रविवि के बच्चे दो विषयों में फेल हुए हैं इस कारण नियम के अनुसार इनको पूरक परीक्षा देने तक का भी मौका नहीं मिल रहा है। अगर ये एक विषय में फेल हुए होते तो पूरक परीक्षा देकर अगली क्लास में बढ़ जाते। इसलिए अब छात्रों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर दो विषयों में पूरक परीक्षा दिलाने की अनुमति के लिए ज्ञापन दिया है। इसके साथ छात्रों ने कुलपति को भी एक ज्ञापन सौंपा है।
दरअसल, शनिवार रात कांग्रेस नेता विनोद तिवारी के साथ यूनिवर्सिटी के बच्चे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिले। उन्होंने बताया कि इस साल विश्वविद्यालयों के बेहद खराब नतीजे आए हैं और पिछले तीन सालों से कोरोना के कारण पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इससे विशेषकर सैद्धांतिक विषयों में छात्रों की पकड़ भी कमजोर हुई है। इसके परिणाम इस साल के नतीजों में भी दिखाई दिए है। पं. रविशंकर विश्वविद्यालय से जुड़े 150 से ज्यादा काॅलेजों में तीन साल बाद इस बार ऑफलाइन परीक्षा हुई यानी छात्रों ने कोरोना से पहले की तरह सेंटर में जाकर परीक्षा दी।
अब नतीजे आ रहे हैं और पूरा रविवि प्रशासन तथा काॅलेज इन्हें देखकर सकते में हैं। दरअसल इस बार 1700 परीक्षार्थी ऐसे हैं, जिन्हें किसी न किसी विषय में जीरो यानी शून्य अंक मिले हैं। आंसरशीट में छात्रों ने अजीबोगरीब ज्ञान उड़ेला है, इसलिए जांचकर्ताओं को शून्य अंक देने पर विवश होना पड़ा। जैसे, ग्रेजुएशन के एक छात्र ने लिखा कि महात्मा गांधी ने 1857 की लड़ाई में हिस्सा लिया, जबकि उनका जन्म ही 1869 में हुआ था।
बाॅटनी के पेपर में चाय का साइंटिफिक नाम पूछा गया तो एक छात्र ने लिखा-चाय तीन तरह की होती है। एक दूध से बनती है। एक ब्लैक टी है और एक ग्रीन टी। इसमें ग्रीन टी सेहत के लिए अच्छी है। रविवि से जुड़े शिक्षाविदों का मानना है कि पहली बार इतने छात्रों को जीरो मिला है, जिसे देखकर वे भी हैरान हैं। दरअसल कोरोना काल में छात्रों ने घर में बैठकर और बुक देखकर आराम से आंसरशीट लिखी और तगड़े नंबर पाए। तीन साल ऑनलाइन देने के बाद रविवि में वार्षिक परीक्षा इस बार ऑफलाइन मोड में हुई।
करीब डेढ़ लाख छात्रों ने केंद्र में परीक्षा दी, जिसका असर रिजल्ट पर नजर आने लगा है। बीए, बीकॉम, बीएससी, बीसीए जैसे ग्रेजुएशन कोर्स में आधे से ज्यादा छात्र फेल हुए हैं। पीजी में भी फेल होने वालों की संख्या ज्यादा है। जबकि पिछले साल ऑनलाइन परीक्षा में यूजी व पीजी, दोनों कक्षाओं में 95 फीसदी छात्र पास हुए थे और ज्यादातर फर्स्ट डिवीजन थे।
1700 students of PRSSU got zero marks : इस साल की परीक्षा में स्नातक स्तर के बहुत से छात्र (लगभग 80%) फेल हो गए हैं। इसलिए इस साल के लिए स्नातक स्तर के छात्रों को दो विषयों में सप्लीमेंट्री एग्जाम की पात्रता प्रदान करने की मांग की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छात्रों की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि रविशंकर विश्वविद्यालय में 1 लाख 25 हजार ऐसे छात्र हैं, जो दो विषयों में फेल हैं। राज्य के दूसरे सरकारी विश्वविद्यालय के छात्रों को भी शामिल करें तो ये संख्या 2 लाख 50 हजार के आस पास होगी।
वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट काफी कमजोर रहा। सैकड़ों छात्रों को शून्य नंबर मिलने की बात आई है। हालांकि कुछ छात्रों ने शिकायत की कि बहुत अच्छा लिखा था, फिर भी जीरो दे दिया। इनकी काॅपियों की रेंडम जांच कर रहे हैं।