President Murmu attended the 3rd convocation of Ayush University

3rd Convocation of Ayush University: आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राष्ट्रपति मुर्मू, कहा- अच्छे स्वास्थ्य से बढ़ती है उत्पादकता और रचनात्मकता

3rd Convocation of Ayush University: आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राष्ट्रपति मुर्मू, कहा- अच्छे स्वास्थ्य से बढ़ती है उत्पादकता और रचनात्मकता

Edited By :   Modified Date:  October 26, 2024 / 08:13 PM IST, Published Date : October 26, 2024/8:13 pm IST

रायपुर।3rd Convocation of Ayush University: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दूसरे दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में विकसित छत्तीसगढ़ का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होगा। समग्र विकास के लिए नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य महत्वपूर्ण होता है। अच्छा स्वास्थ्य लोगों की उत्पादकता और रचनात्मकता को बढ़ाने में सहायक होता है। राष्ट्रपति मुर्मु ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह शामिल होकर संस्थान के 25 विद्यार्थियों को 33 स्वर्ण पदक एवं 6 विद्यार्थियों को सुपर स्पेशलिस्ट की उपाधि प्रदान की।

25 चिकित्सकों को स्वर्ण पदक से किया अलंकृत

राज्यपाल ने कहा कि, यह विद्यार्थियों की अथक प्रयासों, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। यह विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक उपलब्धि ही नहीं है बल्कि मानव सेवा के मार्ग पर एक उत्कृष्ट शुरुआत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार तेजी से किया जा रहा है, जहां नव-प्रशिक्षित चिकित्सकों की आवश्यकता को पूरा किया जा रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल रमेन डेका, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप कुमार पात्रा, रजिस्ट्रार सहित पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं उनके परिजन उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समरोह के अवसर पर 6337 चिकित्सकों को उपाधि प्रदान की जाएगी। इनमें 6 सुपरस्पेशलिस्ट चिकित्सक, 606 स्नातकोत्तर चिकित्सक और 5725 स्नातक चिकित्सक शामिल हैं। इसके अलावा 25 चिकित्सकों को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया।

 

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राष्ट्रपति ने कहा कि जनजाति समाज में सिकल सेल एनीमिया की अभी भी समस्या है। भारत सरकार सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी ही अग्रिम पंक्ति में होते हैं। आप सामान्य लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जागरूक बना सकते हैं, आम नागरिकों को सरकार द्वारा किए जा रहे हैं प्रयासों से अवगत करा सकते हैं। आप नीति निर्माता और सम्माननीय जनता के बीच सेतु का कार्य कर सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप लोगोें के ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से देश की बहुत बड़ी जनसंख्या की वास्तविक समस्याओं से अवगत हो पाएंगे। मैं चाहती हूं कि सभी विद्यार्थियों को समय-समय पर गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ करना चाहिए।

भारत सरकार रोगों के उन्मूलन के लिए आगे बढ़ी है

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश जनता गांव में रहती हैं, उन लोगों तक उचित स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना चुनौती पूर्ण कार्य है। इस संदर्भ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य में चिकित्सा शिक्षण, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान इस विश्वविद्यालय के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है। यह प्रसन्नता की बात है कि विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कॉलेजों में आधुनिक चिकित्सा के साथ-साथ आयुष की शिक्षा भी दी जाती है। बहुत सारे कालेजो में नर्सिंग के कोर्स कराए जा रहे हैं। इस प्रकार यह विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अभी भी मलेरिया, फाइलेरिया और टीबी जैसे संक्रमक बीमारियों का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हुआ है। भारत सरकार इन रोगों के उन्मूलन के लिए आगे बढ़ी है।

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उन्होंने कहा कि, दीक्षांत समारोह आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सफलता आपकी प्रतिभा, लगन और परिश्रम के साथ-साथ आपके माता-पिता, परिवारजनों, शिक्षक के सहयोग और मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि, आपको अपने भविष्य की रूपरेखा बनाते समय यह ध्यान रखना है कि आपकी इस शिक्षा में समाज का भी योगदान है। समाज ने आपकी शिक्षा में जो निवेश किया है वह समाज को लौटाना आपका कर्तव्य है। मुर्मु ने कहा कि आपमें स्थानीय समस्याओं की बेहतर समझ है। आप राज्य के स्वास्थ्य समस्याओं पर रिसर्च करें उनका समाधान खोजने का प्रयास करें।

युवाओं में मेरी भारत की झलक दिखती है

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि महान राष्ट्रवादी विचारों एवं भारतीय राजनीति की सम्मानित विभूतियां में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय में आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि, मुझे यह बताते हुए बहुत हर्ष हो रही है कि उपाधि प्राप्त करने वाले अधिकांश हमारी बेटियां हैं, यह प्रदर्शन बेटियों के वर्चस्व को रेखाँकित करता है। राष्ट्रपति ने कहा कि दो दिनों के अपने इस छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान मुझे दो इंजीनियरिंग और दो मेडिकल संस्थानों के विद्यार्थियों को संबोधित करने का अवसर मिला। इस दौरान मैं विद्यार्थियों और शोधार्थियों में ललक को महसूस की। ऐसे युवाओं में मेरी भारत की झलक दिखती है और नया भारत जो पूरे मजबूती के साथ विश्व में अपना उचित स्थान पाने के लिए आगे बढ़ रहा है।

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चिकित्सक बनने की यात्रा कठिन है

राज्यपाल रमेन डेका ने दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि, यह दिन उनके अथक प्रयासों, त्याग और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि, यह न केवल विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक उपलब्धि है बल्कि मानव सेवा के मार्ग पर एक उत्कृष्ट शुरुआत है। राज्यपाल डेका ने कहा कि चिकित्सक बनने की यात्रा कठिन है, जिसमें छात्र देर रात तक पढ़ाई, क्लिनिकल प्रशिक्षण और लैब के अनगिनत घंटे बिताते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए चिकित्सा का क्षेत्र केवल ज्ञान और कौशल नहीं, बल्कि ईमानदारी, सहानुभूति और दूसरों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता से परिभाषित होता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र लगातार विकासशील है, जिसमें नए-नए रोग, स्वास्थ्य असमानताएँ और तकनीकी परिवर्तन जैसे कई चुनौतियाँ शामिल हैं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि, यह चुनौतियाँ चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार और सुधार का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सक के रूप में उन्हें ऐसे क्षणों का सामना करना पड़ेगा जब मरीज उनके अथक प्रयासों के बावजूद ठीक नहीं हो पाएंगे, परंतु इस दौरान भी उनका करुणामय दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के इस पेशे में सफलता के साथ विनम्रता बनाए रखना आवश्यक है और मानवता की सेवा के प्रति सच्ची निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।

 

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के 33 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक और 6 छात्रों को सुपर स्पेशलिटी की उपाधि मिलने पर बधाई दी और कहा कि चिकित्सा का क्षेत्र मानवता की सेवा का प्रतीक है। उन्होंने सभी स्नातक छात्रों को समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ दायित्व निर्वहन और सेवा भाव से कार्य करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी जैसे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की बढ़ती लोकप्रियता का भी जिक्र किया और प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालय इन पद्धतियों में भी शिक्षा प्रदान कर रहा है।

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3rd Convocation of Ayush University: मुख्यमंत्री साय ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि, इस विश्वविद्यालय का नामकरण उनके नाम पर होना हमें उनके सिद्धांतों और समाज के हर तबके तक सेवा पहुंचाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने महामारी, विज्ञान रोग नियंत्रण एवं अनुसंधान संस्थान और शिक्षकों के प्रशिक्षण संस्थान को देश के चिकित्सा क्षेत्र में मील का पत्थर बताया।पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रदीप कुमार पात्रा ने संस्थान का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलपति ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह और शाल मेंट किया।

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