Conversion in Raigarh: रायगढ़ में धर्मांतरण पर बवाल, मकान में चल रही थी सभा, मौके पर पहुंचे हिंदु संगठन

conversion in Raigarh: कोतरा रोड थाना की टीम मौक़े पर पहुंच कर मकान में दबिश दी। जहां 50 से 60 महिला पुरुष मौजूद थे। सभा में मसीही साहित्य व अन्य साक्ष्य मिलने पर पुलिस ने सभा करा रहे दो लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें रिमांड पर जेल भेज दिया है।

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  • Publish Date - December 8, 2024 / 06:26 PM IST,
    Updated On - December 8, 2024 / 06:26 PM IST

रायगढ़: Conversion in Raigarh, रायगढ़ शहर से लगे ग्राम कोसमनारा में धर्मांतरण का मामला सामने आया है। कोसमनारा के एक मकान में प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा होने की जानकारी मिली थी। जिसके बाद हिन्दू संगठन के पदाधिकारी कोसमनारा पंहुचे। यहां पर प्रार्थना सभा के माध्यम से हिन्दुओं का धर्मांतरण कराने की जानकारी आस पास के लोगों द्वारा दी गई।

जिसके बाद उन्होंने मकान के सामने जय श्री राम का नारा लगाते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी। कोतरा रोड थाना की टीम मौक़े पर पहुंच कर मकान में दबिश दी। जहां 50 से 60 महिला पुरुष मौजूद थे। सभा में मसीही साहित्य व अन्य साक्ष्य मिलने पर पुलिस ने सभा करा रहे दो लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें रिमांड पर जेल भेज दिया है।

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जशपुर में भी धर्मांतरण पर बवाल

इधर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के जिस गांव से ईसाईयत की शुरुआत हुई थी। अब उसी गांव में धर्मांतरण को लेकर विवाद शुरू हो गया है। धर्मांतरण को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस गांव में 7 युवकों के धर्मान्तरण का आरोप भाजपा नेताओं एवं आदिवासी समाज के लोगों ने लगाया है। आरोप ईसाई समाज की लड़कियों पर लगाया है कि, ईसाई लड़कियां हिन्दू लड़कों से प्रेम सम्बंधो के बाद उनका धर्मान्तरण कराकर ईसाई बनवा रही हैं।

मनोरा विकासखण्ड के खड़कोना में 1905 में 4 हिन्दू परिवारों ने ईसाई धर्म अपनाया था और यहीं से ईसाई धर्म की शुरुआत जशपुर जिले में हुई थी। अब जिले में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या लाखों में है। अब 119 साल बाद ईसाईयत की शुरूआत होने वाले गांव खड़कोना के कोरोकोटोली गांव में धर्मांतरण को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।

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13 अगस्त को आकाशीय बिजली में मृत राजेन्द्र चौराठ की मौत के बाद उसके शव को ईसाई रीति रिवाज से दफना दिया गया। जिसके बाद एक बड़ा विवाद शुरू हो गया। राजेन्द्र चौराठ जो भुइंहर समाज का था और उसके परिजन आज भी हिन्दू धर्म मानते हैं। उसकी मौत के बाद उसे ईसाई रीति रिवाज से दफनाए जाने को लेकर इस गांव में विवाद शुरू हुआ था जो थमता नजर नहीं आ रहा। भुइंहर समाज के अध्यक्ष ने ईसाई युवतियों पर हिन्दू लड़कों के धर्मान्तरण का आरोप लगाया।

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