अविनाश पाठक, रायगढ़:
Raigarh Vidhansabh Chunav 2023: रायगढ़ विधानसभा सीट में इस बार निर्दलीयों की मजबूत स्थिति और बंपर पोलिंग ने राजनैतिक पार्टियों का समीकरण बिगाड़ दिया है। पार्टियां ये गुणाभाग नहीं लगा पा रही हैं कि निर्दलीय प्रत्याशी उन्हें किस हद तक नफा नुकसान पहुंचाएंगे। इस सीट पर जिस तरह से बंपर पोलिंग हुई है और दोनों दलों ने अपनी ताकत लगाई है ये तय है कि हार जीत का अंतर बेहद कम होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का यहां तक कहना है कि इस बार हार जीत में निर्दलीयों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होने वाली है। दरअसल रायगढ़ विधानसभा सीट में इस बार सर्वाधिक 78.78 फीसदी पोलिंग हुई है। इस सीट पर 19 प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतरने और निर्दलीयों की मजबूत स्थिति की वजह से वोटों का विभाजन हुआ है। ऐसे में भाजपा व कांग्रेस के वोट बैंक बुरी तरह से डेमेज हुए हैं।
निर्दलियों ने निभाई वोट काटने की भूमिका
खुद को शहरी क्षेत्र में मजबूत कहने वाली भाजपा और ग्रामीण क्षेत्र में मजबूत कहने वाली कांग्रेस अब हार जीत का सही आंकलन तक नहीं कर पा रही है। जानकारों का कहना है कि रायगढ़ शहरी क्षेत्र में आम आदमी पार्टी, के साथ साथ दो निर्दलीय चेहरों ने भाजपा कांग्रेस दोनों ही दलों को जमकर नुकसान पहुंचाया है। निर्दलीयों की भूमिका वोट कटवाने की रही है जिसके चलते भाजपा व कांग्रेस के बीच हार जीत का अंतर बेहद कम होने वाला है। ये भी कहा जा सकता है कि इस सीट पर नतीजे बेहद अप्रत्याशित आने वाले हैं। इधर कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दल इस बात को खारिज कर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि निर्दलीयों की संख्या जरूर इस सीट पर अधिक थी लेकिन वे बेहद अधिक मजबूत स्थिति में नहीं थे।
कांग्रेस की जीत की राह हुई आसान
Raigarh Vidhansabh Chunav 2023: चुनाव में थोडा बहुत वोट इन्होंने जरूर काटा है लेकिन कांग्रेस को निर्दलीयों से अधिक नुकसान नहीं हुआ है। बल्कि निर्दलीयों की वजह से कांग्रेस की जीत की राह और अधिक आसान हुई है। इधऱ भाजपा का कहना है कि उनके घोषणा पत्र की वजह से महिलाओँ ने बंपर वोटिंग की है जो कि भाजपा के पक्ष में है। निर्दलीयों का कोई ऐसा आभामंडल या प्रदर्शन नहीं था जिसके चलते लोग उन्हें वोट करें लिहाजा निर्दलियों का अधिक फैक्टर नतीजों पर नहीं पड़ने वाला है। इस चुनाव में भाजपा बहुमत के साथ जीत रही है।