Fasal Bima Yojana Claim: फसल बीमा योजना से किसान हैरान.. किसी को 1 तो किसी को 7 रुपये की क्षतिपूर्ति.. कांग्रेस ने खोला मोर्चा..

Fasal Bima Yojana Claim फसल बीमा योजना से किसान हैरान.. किसी को 1 तो किसी को 7 रुपये की क्षतिपूर्ति.. कांग्रेस ने खोला मोर्चा

  • Reported By: Avinash Pathak

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  • Publish Date - August 20, 2024 / 03:34 PM IST,
    Updated On - August 20, 2024 / 03:37 PM IST

Fasal Bima Yojana Claim : रायगढ़। केंद्र और राज्य सरकार की फसल बीमा योजना किसानों के लिए मजाक बनकर रह गई है। जानकर हैरत होगी कि जिले में बीमा कंपनी ने किसानों को फसल बीमा की क्षतिपूर्ति के नाम पर एक रूपए से सात रुपए तक का क्लेम दिया है। लगभग 100 किसान तो ऐसे हैं जिनकी क्षतिपूर्ति राशि 100 रुपए से भी कम है। खास बात ये है कि खुद कृषि विभाग के अधिकारी इस बात से अनजान हैं जबकि कई किसानों को भी क्लेम मिलने की जानकारी ही नहीं है। मामला सामने आने के बाद योजना पर सवाल उठ रहे हैं।

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हर साल 30 हजार से ज्यादा पंजीयन

दरअसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को आकस्मिक क्षति होने पर नुकसान से बचने के लिए फसलों का बीमा किया जाता है। जिले में हर साल 30000 से अधिक किसान फसल बीमा कराते हैं। लेकिन किसानों को फसल बीमा करने के बाद क्षतिपूर्ति के नाम पर दी गई राशि खाना पूर्ति साबित हो रही है। जानकर हैरत होगी कि किसानों को 1 रुपए से लेकर 7 रुपए तक का बीमा क्लेम दिया गया है।

किसानों में मायूसी

Fasal Bima Yojana Claim रायगढ़ जिले में 2021 से 2023 के बीच यह क्लेम की राशि वितरित की गई है। इन तीन सालों में जिले में 3537 किसानों का को बीमा क्लेम के लिए पात्र पाया गया। किसानों के फसल नुकसान का आंकलन करने के बाद क्लेम की राशि की जो गणना की गई है वो हास्यास्पद है। सारंगढ़ जिले के लिमगांव के रहने वाले रेशम कुमार को चार अलग-अलग प्रकरणों में 57 पैसे, 1 रूपए 15 पैसे, 4 रुपए 2 पैसे और 3 रूपए 45 पैसे क्षतिपूर्ति दी गई। रायगढ़ जिले के ग्राम जुरडा निवासी बनमाली गुप्ता को चार प्रकरणों में 6 रूपए 47 पैसे, 1 रूपए 38 पैसे, 2 रुपए 21 पैसे और 1 रुपए 32 पैसे का फसल नुकसान क्लेम दिया गया। इसी तरह लैलूंगा के बहादुर भगत को 45 रुपए, धर्मजयगढ़ के मीटबेल खाका को ₹28, हलधर यादव को 33 रूपए , और तेतला के घासीराम को 14 रुपए 77 पैसे क्षतिपूर्ति मिली है। इसके अलावा लगभग डेढ़ सौ किसान ऐसे हैं जिन्हें 100 ट्लरूओ से भी कम मुआवजा मिला है जबकि बेमौसम बारिश में उनका हजारों रुपए का फसल नुकसान हुआ है। खास बात यह है कि मुआवजे की यह राशि पिछले 3 सालों के फसल नुकसान की है और कई किसानों को क्षतिपूर्ति मिलने की जानकारी भी नहीं है। किसान इस बात से बेहद मायूस हैं। किसानों का कहना है की क्षतिपूर्ति के नाम पर दिए गए यह चंद पैसे अन्नदाताओं का अपमान और किसानों के साथ मजाक है।

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कंपनी का मुनाफ़ा करोड़ो में

रायगढ़ जिले में पिछले 3 सालों में फसल बीमा करने वाले किसानों की संख्या में लगातार कमी आई है। कृषि विभाग पिछले 3 सालों से फसल बीमा का टारगेट भी पूरा नहीं कर पा रहा है। जिले में पिछले 3 सालों में महज 3537 किसानों को ही फसल बीमा का क्लेम दिया गया है। आंकड़ों पर ध्यान दें तो बीते साल 17000 किसानों ने फसल बीमा कराया था जिससे बीमा कंपनी ने एक करोड़ 65 लाख रुपए का प्रीमियम वसूला था जबकि इसके एवज में महज 585 किसानों को 61 लाख 59 हजार का मुआवजा वितरित किया गया। इस तरह बीमा कंपनी ने एक करोड़ 10 लाख का मुनाफा कमाया।

कांग्रेस ने जताया विरोध

Fasal Bima Yojana Claim जानकारों का कहना है कि फसल नुकसान का कम मुआवजा मिलने की वजह से किसान योजना से दूरी बना रहे हैं। आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार की योजनाएं बैनर पोस्टर में चल रही है और वास्तविकता ये है कि मुआवजे के नाम पर अन्नदाताओं का अपमान किया जा रहा है। कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इधर कृषि विभाग के अधिकारी मामले से अनभिज्ञता जता रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है वे इस मामले की जांच कराएंगे।

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