रायगढ़। नगर निगम में काबिज कांग्रेस की शहर सरकार मंगलवार को नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करेगी। चुनावी साल में 4 सौ करोड़ रुपए के बजट को लेकर शहर सरकार जहां काफी उत्साहित है तो वहीं भाजपा ने बजट से पहले ही इसका बायकॉट करने की तैयारी कर ली है। बजट के सुझावों के लिए बुलाई गई बैठक का जहां भाजपा ने बायकॉट कर दिया है तो वहीं बजट बैठक में भी भाजपा विरोध की रणऩीति तैयार कर रही है।
भाजपा का कहना है कि पिछले तीन बजट में भाजपा पार्षदों से मांगे गए एक भी सुझावों को मेयर ने अमल में नहीं लिया है। बजट में जनहित से जुडे मुद्दे गायब हैं। ऐसे में वे बजट बैठक का बहिष्कार करेंगे। दरअसल, 48 वार्डों वाले नगर निगम में भाजपा के सिर्फ 22 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस 26 पार्षदों के साथ बहुमत में हैं। कांग्रेसी शहर सरकार पिछले तीन साल में तीन बजट पेश कर चुकी है। भाजपा का आरोप है कि पिछले तीनों बजट में भाजपा ने जो भी सुझाव और प्रस्ताव भेजे हैं उन पर शहर सरकार ने अमल नहीं किया। इतना ही नहीं जनहित की बडी घोषणाओँ को भी अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा है। मेयर की घोषणाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। ऐसे में वे सुझाव या प्रस्ताव देकर क्या करेंगे।
भाजपा के 22 पार्षदों ने मेयर के द्वारा बुलाई गई बैठक का बहिष्कार किया है, तो वहीं अब मंगलवार को पेश होने वाले बजट में विरोध की रणऩीति बना रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि हम मांग करेंगे कि जब तक बजट की पुरानी घोषणाएं पूरी नहीं हो जाती तब तक नया बजट पेश न किया जाए। इधर मामले में मेयर का कहना है बजट में शहर की आवश्यता से जुडी सभी योजनाओं का समावेश किया गया है। जो घोषणाएँ अधूरी रह गई हैं उनके लिए भी इस बजट में फिर से प्रावधान रखा गया है। इस बार आम जनता और शहर विकास को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है। बजट में इस बार आम जनता से भी सुझाव मांगा गया है। ऐसे में बजट शहर विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। IBC24 से अविनाश पाठक की रिपोर्ट