रायपुर : Python..devil..again spoiled tongue : जनता को नेताओं से क्या चाहिए…उनके अधिकार, योजनाओं का लाभ और समस्याओं का समधान लेकिन अक्सर मिलता क्या है ? बयान, विवाद और अंतहीन सियासी बहस…आज बात एक ताजा बयान की, उस पर मचे बवाल की और उससे उठे सवाल की। भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन ने बीते दिन प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और उनके भाई पर ऐसी टिप्पणी कर दी, जिसे लेकर प्रदेश में…शब्दों की मर्यादा, स्तरहीन सियासत और मुद्दाहीन विपक्ष को नसीहत पर सियासी बहस का नया मोर्चा खुल गया।
Python..devil..again spoiled tongue : बीजेपी के सह प्रभारी नितिन नबीन के इस बयान ने छत्तीसगढ़ की सियासत का पारा चढ़ा दिया है…कवर्धा में आयोजित एक सभा में नितिन नबीन ने कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर पर तंज कसते-कसते उन्हें शैतान बता दिया….साथ ही उनके भाई असगर अली को अजगर बताते हुए उनपर हाउसिंग बोर्ड निगल जाने का आरोप लगाया…जाहिर है इस बयान पर कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी…कांग्रेस नेताओँ ने भाजपा सह प्रभारी के बयान को बेतुका और स्तरहीन बताया…।
इधर, बीजेपी नेता नितिन नबीन के बयान पर सफाई भी दे रहे हैं साथ ही बयान का समर्थन भी कर रहे हैं…भाजपा विधायकों ने कहा कि गरीबों के आवास निगलने वालों को और क्या कहा जाएगा।
Python..devil..again spoiled tongue : वैसे ये पहली बार नहीं है जब विरोधियों पर निशाना साधने में शब्दों की मर्यादा तार-तार हुई हो…खुद नितिन नबीन पहले भी छत्तीसगढ़ियावाद के मुद्दे पर बयान देकर ना केवल खुद चौतरफा घिर गए थे बल्कि उनकी वजह से पार्टी भी बैकफुट पर आ गई थी…यहां बड़ा सवाल ये कि क्या विरोध के लिए ऐसे शब्दों या उपमाओं का होना जरूरी है ? क्या इससे मूल मुद्दे से इतर सारी बहस शब्दों के घटियापन पर सिमटकर नहीं रह जाती ?