रायपुर: Jal Jeevan Mission in chhattisgarh, छत्तीसगढ़ की साय सरकार जल जीवन मिशन को लेकर तेजी से काम कर रही है। राज्य सरकार का मानना है कि आने वाले समय में हर घर जल की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी। कोई भी गांव और कोई भी घर बिना पेयजल के शेष नहीं रहेगा। सरकार के इस प्रयास के परिणाम भी सामने आने लगे हैं। प्रदेश में कई गांव आज पूरी तरह से हर घर जल गांव घोषित हो चुके हैं। लोगों को शुद्ध पेयजल मिल रहा है जो ग्रामीणों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है। छत्तीसगढ़ के 78% से अधिक घरों में साफ और सुरक्षित जल पहुंच रहा है। ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव करीब से देखने को मिल रहा है।
केंद्र सरकार के ‘जल जीवन मिशन’ का लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है। इस कार्यक्रम के तहत अनिवार्य रूप से जल स्रोत के स्थिर उपायों को लागू करना है, जैसे कि ग्रे वाटर मैनेजमेंट, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग। जल जीवन मिशन पानी के लिए सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित होगा और इसमें मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल होंगे। जल जीवन मिशन पानी के लिए एक जन आंदोलन बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे कि यह सभी की प्राथमिकता बन जाए।
छत्तीसगढ़ की बात करें तो केंद्र सरकार की इस योजना पर छत्तीसगढ़ में भी तेजी से कार्य हो रहा है। विष्णुदेव साय सरकार का प्रयास है कि जल्द से जल्द हर गांव के हर घर तक शुद्ध पेयजल नल के माध्यम से पहुंचाया जाए। इस प्रयास के कुछ सार्थक नतीजे और सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
राज्य में जल जीवन मिशन शुरू होने के पहले 15 अगस्त 2019 की स्थिति में केवल छह प्रतिशत यानि तीन लाख 19 हजार 741 ग्रामीण घरों में ही पाइपलाइन के जरिए जलापूर्ति होती थी। जल जीवन मिशन का काम शुरू होने के बाद अब यह 78 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के तहत घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन देने का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 50 लाख 05 हजार 147 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया जाना है। फिलहाल 39 लाख 50 हजार 400 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।
her ghar jal in chhattsigarh : दंतेवाड़ा के ग्राम बड़ेहड़मामुंड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी दूर बसा गांव है। यह विकासखंड कुआकोंडा का ग्रामपंचायत गोंगपाल का आश्रित ग्राम है। यहां की कुल घरों की संख्या 105 और जनसंख्या है। ग्राम में मुख्यतः आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं जिनका दैनिक जीवन खेती और मजदूरी आजीविका पर निर्भर है। इस क्रम में ग्राम बड़ेहड़मामुंडा में कुल 4000 मीटर पाइप लाइन बिछाकर 4 सोलर पंप के माध्यम से सभी 137 घरों और स्कूल, आश्रम और आंगनबाडि़यों में पेयजल की सुविधा पहुंचाई गई है।
जिला प्रशासन द्वारा बीते दिनों ग्राम बड़ेहड़मामुंडा में जल उत्सव का आयोजन कर ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बड़ेहड़मामुंडा को ‘हर घर जल’ ग्राम घोषित किया गया है। इस दौरान जल उत्सव में उपस्थित ग्रामीण जनों द्वारा प्रमाणीकरण के प्रस्तावों को हाथ उठाकर एक स्वर में सहमति दिया गया। ग्राम बड़ेहड़मामुंडा के प्रत्येक ग्रामीणों के अंतर्मन तक जल उत्सव का उल्लास भरा रहा। वहीं कुछ सियान और ग्रामीण इतनी बड़ी योजना का ग्राम तक आने और ग्रामीणों को योजना के संचालन की जिम्मेदारी से आश्चर्य और खुशी दोनों ही प्रकट कर रहे थे।
ग्रामीण महिला ने बताया कि हमने कभी सोचा ही नहीं था कि कभी हमारे गांव के घर आंगन में नल लगेगा और पीने का साफ पानी मिलेगा। पहले हम लोग हैंडपंप में दूर दूर तक पीने का पानी लाने जाते थे। हैंडपंप भी खराब हो जाने से पानी लेने दूसरे पारा जाना पड़ता था। मेरे घर सदस्य ज्यादा है, इसलिए पानी भी ज्यादा भरना पड़ता था। अब जल जीवन मिशन के आने से घर में ही साफ पानी मिल जाता है और हम गांव की महिलाएं बच्चों को स्कूल, आंगनवाड़ी भेज कर स्व सहायता समूह में ज्यादा समय काम करके आर्थिक आमदनी से स्वावलंबी हो रही हैं। पानी की घर बैठे मिल रही सुविधा से गांव की सब महिलाएं बहुत खुश हैं।
इसी तरह महासमुंद जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में स्थित हरदा गांव में पीने के पानी की समस्या लंबे समय से ग्रामीणों के लिए चुनौती बनी हुई थी। लेकिन जल जीवन मिशन के तहत किए गए विशेष प्रयासों से आज हरदा गांव को “हर घर जल“ गांव के रूप में घोषित कर दिया गया है। यह सफलता न केवल गांव के विकास की निशानी है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन में एक नया अध्याय भी है।
पहले ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए दूर-दराज के जलस्रोतों से पानी लाना पड़ता था। महिलाओं को रोज़ाना लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी, जिससे उनका समय और ऊर्जा नष्ट होती थी। जल स्रोत सीमित होने और सुविधाएं न होने के कारण कई बार ग्रामीणों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। जिला प्रशासन के सहयोग से हरदा में घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए नल कनेक्शन बिछाने का कार्य तेजी से पूरा किया गया। वनांचल क्षेत्र होने के कारण पाइप लाइन बिछाने में चुनौतियां जरूर आईं, लेकिन अधिकारियों और पंचायत के समर्पण ने इस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
गांव में सभी घरों तक नल कनेक्शन पूरा होने के बाद ग्राम पंचायत हरदा में ‘हर घर जल उत्सव’ मनाया गया। इस कार्यक्रम में सरपंच मोंगरा बाई जगत और सचिव अमर सिंह सिदार ने इस उपलब्धि की जानकारी ग्रामीणों के साथ साझा की। अब गांव के हर घर में पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है। इस योजना से पानी की कमी की समस्या पूरी तरह खत्म हो गई है, जिससे ग्रामीणों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आया है। योजना के संचालन के लिए ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है, जिसे अब पानी की आपूर्ति की पूरी जिम्मेदारी सौंपी गई है। ठेकेदार से संचालन की जिम्मेदारी पंचायत को सौंपते हुए गांव के पंप ऑपरेटर का चयन भी किया गया है। पंप ऑपरेटर के मानदेय और रखरखाव के लिए प्रति घर 40 रुपये का मासिक शुल्क तय किया गया है।
बीते दिनों ग्रामीणों ने उत्सव के रूप में जल की इस उपलब्धि का जश्न मनाया। सभी ने मिलकर यह सुनिश्चित करने का संकल्प लिया कि गांव में पानी की आपूर्ति निरंतर बनी रहे और भविष्य में किसी को जल संकट का सामना न करना पड़े। हरदा गांव अब “हर घर जल“ का सफल मॉडल बन गया है, जहां हर घर में पीने का साफ पानी उपलब्ध है। इस परियोजना ने गांव के जीवन को खुशहाल बना दिया है। महिलाओं को अब पानी के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ती, और उनके समय की बचत से वे अन्य गतिविधियों में अधिक योगदान दे रही हैं।
बता दें कि हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन की बदौलत अब राज्य के 78 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंच रहा है। छत्तीसगढ़ ने मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 49 लाख 98 हजार 571 घरों में से अब तक 37 लाख 49 हजार 556 घरों में पाइपलाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य पूर्ण कर लिया है, जो निर्धारित लक्ष्य के 75 प्रतिशत से अधिक है। छत्तीसगढ़ के हर गांव के हर घर तक पीने का पानी पहुंचने से लाल पानी समेत तमाम दूषित जल से होने वाली बीमारियों से ग्रामीणों को राहत मिलेगी।