रिपोर्ट- सौरभ सिंह परिहार, रायपुर: Upcoming 2023 Assembly Elections प्रदेश में चुनाव में अभी डेढ साल का वक्त है लेकिन कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमों की हलचल बता रही है कि दोनों पक्षों ने चुनावी झांकी सजानी शुरू कर दी है। कांग्रेंस पार्टी ने सरकार और संगठन के दोनों स्तर पर जमीन पर उतर किलेबंदी शुरू कर दी है तो विपक्षी भाजपा भी लगातार उन मुद्दों की तलाश में है जो सरकार की सेहत और कांग्रेस की तैयारी पर भारी पड़े। आखिर कौन है ज्यादा तैयार अभी?
Upcoming 2023 Assembly Elections प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले डेढ़ साल बाद है, लेकिन दावे अभी से पेश होने लगे हैं। बढ़त लेने के लिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों चुनावी तैयारियों में जुटी गई है। बात करें सत्ता रूढ़ कांग्रेस की तो खैरागढ़ उपचुनाव में जीत का चौका लगाने के बाद सत्तापक्ष का मनोबल सातवें आसमान पर है। एक ओर सीएम भूपेश बघेल जनता का फीडबैक लेने सभी 90 सीटों पर जाएंगे, तो संगठन भी चुनावी रणनीतियों को धार देने में जुटी है। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया प्रभारी सचिव चंदन यादव और सप्तगिरी शंकर उल्का के साथ लगातार बैठकें ले रहे हैं। इसी सिलसिले मे रायपुर दौरे पर आए पीएल पुनिया ने भी दावा किया कि 2023 के लिए कांग्रेस पूरी तरह तैयार है।
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दूसरी ओर 15 साल सत्ता में काबिज रही बीजेपी भी 2023 के लिए संघर्ष कर रही है। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश लगातार दौरे कर रही हैं। दोनों का साफ निर्देश है कि 15 साल में बीजेपी सरकार और मोदी सरकार के कामकाज को ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाना है। आगामी 5 मई से बूथ स्तर पर सभी बड़े नेता और कार्यकर्ता जा रहे है। कांग्रेस की तरह बीजेपी का भी दावा है कि 2023 के लिए पार्टी पूरी तरह तैयार है।
बहरहाल विधानसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल बाकी है, लेकिन उसकी झांकी दिखनी शुरू हो गई है।कांग्रेस जहां सरकार की योजनाओं के जरिए मिशन 2023 को लेकर आश्वस्त है। जबकि बीजेपी अपने संगठन को मजबूती देने जनता के बीच माहौल बनाने में जुटी है। सवाल ये है कि 2023 में जनता किसकी झांकी के साथ चलती है?
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