मस्जिद… अंतहीन ‘जिद’, मोहन भागवत का बयान.. थमेगा घमासान! क्या सोचते हैं हिंदू-मुसलमान

मस्जिद... अंतहीन 'जिद', मोहन भागवत का बयान.. थमेगा घमासान! Politics heats up after Mohan Bhagwat's statement regarding Gyanvapi Masjid

  •  
  • Publish Date - June 3, 2022 / 11:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

रायपुरः Mohan Bhagwat’s statement regarding Gyanvapi Masjid वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुर्खियों में है। एक तरफ मामला कोर्ट में है, वहीं दूसरी तरफ कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे के बाद अब इतिहास के पन्ने भी पलटे जाने लगे हैं। औरंगजेब, मुगलकाल से होते हुए इस मुद्दे में पहले गांधी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की एंट्री भी हो गई है। RSS प्रमुख ने साफ और सीधा कहा है कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं है। तो दूसरी ओर महात्मा गांधी का एक लेख जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘हिंदुओं को उनके धार्मिक स्थल खुशी-खुशी सौंप दें मुसलमान’ भी खूब सुर्खियां बटोर रहा है। यानी दो बड़ी शख्सियतें एक हिंदुत्व का सबसे बड़ा चेहरा तो दूसरा हिंदू और मुसलमान को साथ लेकर चलने वाला। दोनों के रुख के बाद क्या मस्जिद पर अंतहीन जिद का अंत होगा?

Read more :  JNU के वन क्षेत्र में पेड़ से लटकी मिली युवक की लाश, सड़ी-गली हालत में मिला शव

Mohan Bhagwat’s statement regarding Gyanvapi Masjid वाराणसी से निकले ज्ञानवापी के वीडियो ने हिंदू समाज में उथलपुथल मचा रखी है। केस अदालतों में भी लड़े जा रहे हैं तो बहस गली और चौक चौराहों भी में चल रही हैं। इसी बहस के बीच वाराणसी से हजारों किमी दूर नागपुर में आयोजित संघ के तृतीय वर्ष के शिविर संघ प्रमुख ने ज्ञानवापी विवाद पर बड़ा बयान दिया है। ज्ञानवापी के साथ देश में कई जगह इस तरह के दावे किए जा रहे है. छोटी बड़ी मस्जिदों पर भी लड़ाई हो रही है, लेकिन भागवत ने इस पर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशना।

Read more :  सामने आया सिद्धू मूसेवाला की हत्याकांड से जुड़ा CCTV फुटेज, वीडियो से सामने आ सकता है बड़ा सच

इस अवसर पर मोहन भागवत ने ये भी कहा कि संघ अपनी मूल प्रवृति के खिलाफ जाकर राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया था। लेकिन भविष्य में संघ अब किसी मंदिर आंदोलन में नहीं शामिल होने वाला है। मोहन भागवत के नागपुर में दिए इस बयान पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में सियासी वार पलटवार हो रहे हैं।

Read more :  Samrat Prithviraj Review: ‘पृथ्वीराज’ को एक और झटका, इस मामलें में चूक गए ‘खिलाड़ी कुमार’… 

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद आस्था से जुड़ा है लेकिन तथ्यों के लिए इतिहास के पन्ने भी पलटे जा रहे हैं। महात्मा गांधी का एक लेख भी इस बीच वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि गांधीजी ने लिखा था कि मंदिरों को तोड़कर बनाई गई मस्जिदें गुलामी की चिह्न हैं। उन्होंने ये भी लिखा है कि हिंदू-मुसलमान को चाहिए कि ऐसे विवादित मामलों को आपस में बैठकर सुलझाएं। मतलब साफ है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हो या आजादी की लड़ाई के नायक गांधीजी दोनों ही ऐसे मामलों पर संवाद के जरिए समाधान के समर्थक रहे हैं।