हमारे हनुमान…अब सियासत के संकट मोचक! जीत की खबर मिलते ही कांग्रेस कार्यालय में बजने लगे ढोल नगाड़े

जीत की खबर मिलते ही कांग्रेस कार्यालय में बजने लगे ढोल नगाड़े! Our Hanuman...now the troubleshooter of politics

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  • Publish Date - April 16, 2022 / 11:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

रायपुर: Hanuman troubleshooter of politics अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल माने जा रहे खैरागढ़ की जंग कांग्रेस ने जीत ली है। कांग्रेस ने लगातार चौथे उपचुनाव में जीत दर्ज कर नया इतिहास रचा है। कांग्रेस उम्मीदवार यशोदा वर्मा ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस जीत के बाद कहा है कि जाहिर तौर पर ये राज्य सरकार के कामकाज और उस पर भरोसे की जीत है।

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Hanuman troubleshooter of politics जीत के साथ ही राजनांदगांव कांग्रेस कार्यालय में आतिशबाजियां… रंग-गुलाल और ढोल-नगाड़े की थाप पर थिरकने लगे कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार यशोदा वर्मा ने 20 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही राजनांदगांव के मतगणना केंद्र के बाहर से लेकर राजधानी रायपुर तक कांग्रेस नेताओ और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई और जश्न का सिलसिला शुरू हो गया। कांग्रेस की नव निर्वाचित विधायक यशोदा वर्मा भी अपनी जीत का श्रेय मुख्यमंत्री को दे रही हैं।

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सरकार के साढ़े तीन साल के कामकाज और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनाने के कांग्रेसी दांव ने इस उपचुनाव में भाजपा को पटखनी दे दी। जीत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर दोहराया कि खैरागढ़ की जनता निश्चिंत रहे। हम जो वादा करते हैं, निभाते हैं।

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जीत नहीं हुई तो इस्तीफा दे देने का दांव खेलने वाले राजनांदगांव के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत कह रहे हैं कि वे भाजपा विधायकों से इस्तीफा नहीं मांगेंगे, क्योंकि वे पहले से ही गिने-चुने हैं। मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि भूपेश बघेल के सिर पर आज बजरंगबली चढ़े हुए हैं। इसके अलावा सभी दिग्गज नेताओं ने इस जीत के लिए प्रदेश सरकार के कामकाज को कारण बताया।

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खैरागढ़ में मिली करारी हार पर भाजपा एक बार फिर सदमे में है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब तक भाजपा को चारों उपचुनावों में शिकस्त मिली है। जनता का जनादेश स्वीकार करते हुए वो कह रही है कि सड़क पर संघर्ष जारी रहेगा। खैरागढ़ की ये जीत कांग्रेस के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बूस्टर डोज का काम करेगी। वहीं भाजपा को अपनी खोई जमीन हासिल करने नई रणनीतियों के साथ मैदान में उतरने के लिए तैयार होना होगा।

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