रायपुर: बस्तर में BJP के तीन दिनों के चिंतन शिविर शुरूआत हो जुकी है। इस सिविर में मिशन 2023 के लिए रणनीति तैयार की जा री है। वहीं बीजेपी के एस आयोजन पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि 15 साल तक बीजेपी को आदिवासियों का याद नहीं आई और अब चिंतन शिविर किया जा रहा है।
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छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाबी बस्तर संभाग को माना जाता है। फेर बीजेपी ने भी बस्तर में चितन सिविर का आयोजन कर मिसन 2023 की तैयारी शुरू कर दी है, जिसमें बीजेपी आने वाले विधान सभा चुनाव में जीत के रणनीति तैयार कर रही है। भाजपा प्रदेश में स्थिति को देखते हुए कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के साथ चर्चा भी गोपनीय रखी गई है। बंद कमरे में पार्टी के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय नेता चुनावी रणनीति पर बात करेंगे। हालांकि शिविर के अंतिम दिन पूरे संभाग के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी।
वहीं बस्तर की 12 सीटों के साथ सत्ता में एंट्री करने वाली कांग्रेस भी बस्तर को अनदेखा नहीं करना चाहती है। हाल ही में कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक राज्य के परफार्मेंस को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने पहुंचे, लेकिन राहुल ने उन्हे छत्तीसगढ़ में ही मिलने की बात कही और इसके लिए अब राहुल गांधी को भी बस्तर में ही बुलाने की तैयारी है। वहीं कांग्रेस का ये भी कहना है कि भाजपा को बस्तर की चिंता के बजाए खुद की चिंता करनी चाहिए।
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भाजपा हो या कांग्रेस ने दोनों मिशन 2023 की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन अब दिलचस्पी इस बात को लेकर बढ़ गई है कि आखिर बीजेपी इस चिंतन सिविर जरिए जीत का कौन सा फार्मूला लेकर आती है।