पाटन: Bhupesh Baghel Devvrat Singh खैरागढ़ उपचुनाव को लेकर BJP और कांग्रेस चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। कांग्रेस ने जहां सरकार के 4 मंत्रियों को मैदान में उतारा है, तो वहीं CM भूपेश ने मास्टर कार्ड खेलते हुए खैरागढ़, गंडई और छुईखदान को संयुक्त जिला बनाने के मुद्दे को घोषणा पत्र में शामिल किया है। कांग्रेस चुनावी मंचों से देवव्रत सिंह के नाम को भुनाने में लगी हुई है।
name of Devvrat Singh CM भूपेश ने पाटन में एक सभा के दौरान घोषणा पत्र में देवव्रत सिंह के नाम का उल्लेख किए जाने को लेकर कहा कि देवव्रत सिंह कांग्रेस के सच्चे सिपाही रहे हैं। भले ही किसी कारणवश वो दूसरी पार्टी में चले गए थे लेकिन बाद में वो कांग्रेस में लौटना चाहते थे। लेकिन तकनीकी कारण के चलते ऐसा नहीं हो सका।
Read More: शराब पर शोर…विरोध चारों ओर! चारों ओर हो रहे विरोध पर क्या कदम उठाएगी सरकार?
CM भूपेश ने कहा कि कांग्रेस के सभाओं में देवव्रत सिंह का नाम लेना कोई गलत नहीं। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी कहा कि देवव्रत सिंह कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। उनकी इसी इच्छा को लेकर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा है।
Read More: सत्ता की बिसात…बस्तर की बात! किस पर विश्वास करते हैं बस्तरिया और भोलेभाले आदिवासी?