रायपुर : New war on reservation : कुछ दिन की खामोशी के बाद एक बार फिर से प्रदेश में आरक्षण का मुद्दा गर्मा गया है। प्रदेश में नए राज्यपाल के आने के बाद मुद्दे को नई धार दी जा रही है। आरक्षण बिल पर देरी से सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग परेशान है और अब भर्तियों का इंतजार कर रहे युवाओं की नाराजगी भी बढ़ती जा रही है। लेकिन राजनीतिक टकराव थमता नहीं दिख रहा। कांग्रेसी विधायकों ने नए राज्यपाल से मुलाकात के बाद राजनीतिक दबाव का आरोप लगाया तो बीजेपी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया भी मिली।
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New war on reservation : छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक पर एक बार फिर नया रण छिड़ गया है। कांग्रेस के आदिवासी और OBC विधायकों ने राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से मुलाकात की। इसके बाद मंत्री कवासी लखमा ने आरोप लगाया कि नए राज्यपाल भी राजनीतिक दबाव में हैं। इस पर पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राजभवन.. सरकार के निर्देश के अनुसार नहीं चलता।
New war on reservation : 76 फीसदी आरक्षण के अटकने से आदिवासी वर्ग में बड़ा असंतोष है। राजनीति दल ये जानते हैं कि आदिवासियों को साथ लिए बिना चुनाव की मझधार पार नहीं लग सकती। लिहाजा बीजेपी आदिवासी बहुल सरगुजा और बस्तर पर खास ध्यान दे रही है। इसी कड़ी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 25 मार्च को बस्तर दौरे पर आने वाले हैं। कांग्रेस का दावा है शाह के दौरे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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New war on reservation : एक ओर आदिवासियों पर खींचतान हो रही है तो दूसरी ओर आरक्षण बिल के अटकने से भर्तियों पर भी ग्रहण लगा हुआ है। ऐसे में आदिवासियों के साथ युवाओं की नाराजगी चुनाव में सियासी दलों को भारी पड़ सकती है। फिलहाल सबकी नजर राज्यपाल के अगले कदम पर है।