Vishnu Ka Sushasan: छत्तीसगढ़ में विकास की नई क्रांति, औद्योगिक विकास नीति से सपनों पर लगेंगे पंख, पैदा होंगे रोजगार के नए अवसर

छत्तीसगढ़ में विकास की नई क्रांति, औद्योगिक विकास नीति से सपनों पर लगेंगे पंख, New Industrial Development Policy will Create Employment Opportunities in Chhattisgarh

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  • Publish Date - November 26, 2024 / 02:13 PM IST,
    Updated On - December 1, 2024 / 03:55 PM IST

रायपुरः New Industrial Development Policy in Chhattisgarh युवा छत्तीसगढ़ पिछले 11 महीने के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन की सरकार में तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो चला है। साय सरकार ने अपने कार्यकाल के अल्प समय में कई चुनौतियों को पार करके कई कड़े और बड़े फैसले लिए हैं, जिससे प्रदेश में विकास की नई क्रांति आई है। प्रदेश के हर क्षेत्र में अमूलचूल परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि साय सरकार की बेहतर वित्तीय प्रबंधन के बीच विकासपरख कार्यों की तारीफ दूसरे राज्यों में होने लगी है। साय सरकार न केवल योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर रही है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। साय सरकार ने प्रदेश उद्योग बढ़ाने के लिए नई औद्योगिक विकास नीति लेकर आई है।

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New Industrial Development Policy in Chhattisgarh राज्य में नई औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 एक नवम्बर से लागू हो गई है। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा एवं विस्तार देने के लिए नई औद्योगिक नीति में कई रियायती प्रावधान किए गए है। उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 लागू किया गया है। इस पोर्टल पर एक बार आवेदन करने पर सभी विभागों से क्लीयरेंस मिलेगा। नया रायपुर को आईटी का हब बनाने का काम प्रारंभ किया गया है। दो आईटी कंपनियों से एमओयू किया गया है तथा उन्हें फर्निश्ड बिल्डअप एरिया भी उपलब्ध करा दिया गया है। इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ के आयोजन के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य में आर्थिक विकास की गति बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ संस्थाओं से परामर्श करने तथा देश और दुनिया में चल रहे बेस्ट प्रेक्टिसेस को राज्य में लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन प्रस्तावित है। कोरबा, बिलासपुर इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है।

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5 वर्षों में सृजित होगा 5 लाख रोजगार, नक्सल प्रभावितों को मिलेगा मौका

इस नीति के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए कौशलयुक्त रोजगारों का सूजन करते हुये अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए औपचारिक क्षेत्र के रोजगार का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति मैं स्थानीय श्रमिकों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षण कर प्रोत्साहन का प्रावधान करते हुये 1000 से अधिक रोजगार प्रदाय करने वाली इकाईयों को प्रोत्साहन के अतिरिक्त विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान में सहभागिता के लिए अनुसूचित जाति/जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर, भूतपूर्व सैनिकों (जिनमें पैरा मिलेट्री फोर्स भी सम्मिलित है), नक्सल प्रभावित, आत्म-समर्पित नक्सलियों एवं तृतीय लिंग के उद्यमों का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिये जाने का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को भारत सरकार द्वारा परिभाषित एम.एस.एम.ई. के अनुरुप किया गया है। इसी के अनुसार ही इन उद्यमों को प्राप्त होने वाले प्रोत्साहनों को अन्य राज्यों की तुलना में प्रतिस्पर्धी बनाया गया है।

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प्रशिक्षण वृत्ति का भी प्रावधान

इस नीति में प्रथम बार उद्यमों में राज्य के निवासियों को रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिये स्थानीय रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर 1000 अथवा इससे अधिक रोजगार सृजन के आधार पर विशेष औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान साथ ही उद्योगों में नियोजित राज्य के निवासी के प्रशिक्षण पर प्रति व्यक्ति रूपये 15,000 रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति एवं कर्मचारियों पर होने वाले ई.पी.एफ. व्यय की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है। पहली बार ग्रीन उद्यम की परिकल्पना को साकार करने के लिये पर्यावरण संरक्षण उपायों को अपनाने के लिये औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन इनवायरमेंट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट अनुदान (पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान), जल एवं उर्जा दक्षता (एनर्जी ऑडिट) व्यय प्रतिपूर्ति, गैर काष्ठ वनोपज प्रसंस्करण एवं ग्रीन हाइड्रोजन/कम्प्रेस्ड बॉयोगैस सेक्टर के वृहद उद्यम हेतु औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है।

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