छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहन को उड़ाया, आठ जवान समेत नौ लोगों की मौत

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सुरक्षाकर्मियों के वाहन को उड़ाया, आठ जवान समेत नौ लोगों की मौत

  •  
  • Publish Date - January 6, 2025 / 10:56 PM IST,
    Updated On - January 6, 2025 / 10:56 PM IST

बीजापुर (छत्तीसगढ़) , छह जनवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सोमवार को लगभग 70 किलोग्राम वजनी बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर सुरक्षाबलों के एक वाहन को उड़ा दिया, जिसमें आठ सुरक्षाकर्मियों और उनके वाहन चालक की मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पुलिस को संदेह है कि शक्तिशाली बारूदी सुरंग को सुरक्षाकर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मार्ग पर काफी समय पहले लगाया गया था।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के अंतर्गत अंबेली गांव के करीब सोमवार दोपहर लगभग 2.15 बजे नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट किया। यह विस्फोट तब किया गया जब दंतेवाड़ा जिले के सुरक्षाबल के जवान नक्सल विरोधी अभियान के बाद वाहन से लौट रहे थे।

सुंदरराज ने बताया कि जिला मुख्यालय बीजापुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर हुई इस घटना में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बस्तर फाइटर्स के चार-चार जवान और वाहन चालक की मौके पर ही मौत हो गई।

इससे पहले, पुलिस ने बताया था कि मृत सभी जवान डीआरजी के थे।

डीआरजी के जवान ज्यादातर स्थानीय आदिवासी आबादी और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के समूह से होते हैं।

अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल के लिए अतिरिक्त बल भेजा गया तथा शवों को वहां से बाहर निकाला गया।

उन्होंने बताया कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की तलाश के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके में अभियान शुरू किया है।

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि वामपंथी उग्रवादियों द्वारा निशाना बनाए गए जवान तीन जनवरी से तीन दिनों तक बस्तर क्षेत्र के नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों की सीमाओं पर सुरक्षा कर्मियों के संयुक्त दलों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में शामिल थे।

उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चले अभियान में पांच नक्सली मारे गए और डीआरजी के एक हेड कांस्टेबल की भी मौत हो गई। दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव और नारायणपुर के डीआरजी और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के जवान दक्षिण अबूझमाड़ में चलाए गए अभियान में शामिल थे।

पुलिस उप महानिरीक्षक (दक्षिण बस्तर) कमलोचन कश्यप ने बताया कि अभियान के बाद गश्ती दल बेदरे (बीजापुर) पहुंचे और वहां से ‘रोड ओपनिंग पार्टी’ (आरओपी) द्वारा मार्ग से बारूदी सुरंगों को हटाने के अभ्यास के बाद (अलग-अलग वाहनों में) अपने-अपने जिला मुख्यालय के लिए रवाना हुए।

उन्होंने बताया कि दंतेवाड़ा से डीआरजी और बस्तर फाइटर्स के जवानों को ले जा रहे एक वाहन को नक्सलियों ने बारूदी सुरंग का इस्तेमाल कर निशाना बनाया।

कश्यप ने कहा, ”ऐसा लगता है कि हमले में इस्तेमाल किए गए बारूदी सुरंग का वजन लगभग 70 किलोग्राम था। हालांकि, सटीक विवरण जुटाने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर हैं।”

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बारूदी सुरंग पुरानी था और बहुत पहले लगाई गई थी क्योंकि इससे जुड़े तार जमीन में गहराई में दबे हुए थे और उपकरण के ऊपर मिट्टी की परत पर घास उग आई थी।

कश्यप ने स्वीकार किया कि कुछ चूक हुईं जिसके कारण यह दुखद घटना हुई, लेकिन उन्होंने इस बारे में अधिक विस्तार से नहीं बताया।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट स्थल के निरीक्षण के दौरान लगभग 150 मीटर लंबा तार बरामद किया गया।

राजधानी रायपुर से लगभग 400 किलोमीटर दूर घटनास्थल की तस्वीरों में विस्फोट के बाद कंक्रीट की सड़क पर 10 फुट से अधिक गहरा एक बड़ा गड्ढा देखा जा सकता है।

विस्फोट में वाहन पूरी तरह नष्ट हो गया, शवों के टुकड़े प्लास्टिक शीट पर रखे हुए थे। एसयूवी का एक हिस्सा और जवानों की वर्दी के टुकड़े पास के पेड़ों से लटके हुए थे।

विस्फोट स्थल से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर कुटरू गांव की एक महिला ने संवाददाताओं को बताया कि जब वह गांव में थी, तब उसने विस्फोट की तेज आवाज सुनी।

उसने कहा कि उसे और अन्य ग्रामीणों को शुरू में कुछ समझ में नहीं आया, लेकिन जब उन्होंने इलाके में सुरक्षाबलों की आवाजाही देखी, तो उन्हें लगा कि कुछ हुआ है।

पुलिस ने बताया कि शहीद जवानों की पहचान डीआरजी के हेड कांस्टेबल बुधराम कोरसा, कांस्टेबल डूम्मा मरकाम, कांस्टेबल पंडरू राम पोयाय, कांस्टेबल बामन सोढ़ी और बस्तर फाइटर्स के कांस्टेबल सोमडू वेट्टी, सुदर्शन वेट्टी, सुबरनाथ यादव और हरीश कोर्राम के रूप में हुई है। इस घटना में वाहन चालक तुलेश्वर राणा की भी मौत हो गई।

उन्होंने बताया कोरसा और सोढ़ी बीजापुर जिले के थे, जबकि अन्य जवान पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले के थे। उन्होंने बताया कि वाहन चालक बस्तर जिले का रहने वाला था।

अधिकारियों ने बताया कि जवानों के पार्थिव शरीर दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय ले जाए गए हैं, जहां मंगलवार को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाएगी।

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों पर माओवादियों द्वारा पिछले दो वर्षों में किया गया यह सबसे बड़ा हमला है। यह 2025 में सुरक्षाबलों पर पहला हमला है। यह हमला मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) के खतरे को खत्म करने के केंद्र के प्रयासों के बीच हुआ है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विस्फोट में सुरक्षाबल के जवानों और वाहन चालक की मौत पर दुख जताया है।

शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ”बीजापुर (छत्तीसगढ़) में आईईडी ब्लास्ट में डीआरजी के जवानों को खोने की सूचना से अत्यंत दु:खी हूं। वीर जवानों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। इस दुःख को शब्दों में व्यक्त कर पाना असंभव है, लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलवाद को समाप्त करके ही रहेंगे।”

राज्यपाल डेका ने नक्सली हमले की कड़ी निंदा की और इसे जघन्य अपराध करार दिया।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर क्षेत्र में जारी नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली हताश हैं और इसलिए उन्होंने इस तरह की कायराना हरकत की है। उन्होंने कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।

छत्तीसगढ़ में 26 अप्रैल, 2023 को पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों के काफिले को निशाना बनाकर नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर दिया था। इस घटना में एक वाहन में सवार 10 जवानों और एक चालक की मौत हो गई थी।

भाषा सं संजीव सिम्मी

सिम्मी