राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का रंगारंग आगाज, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने किया शुभारंभ, 7 देशों के 1500 से अधिक कलाकारों ने की शिरकत

National Tribal Dance Festival has a colorful start, Jharkhand CM Hemant Soren inaugurated

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  • Publish Date - October 28, 2021 / 08:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

रायपुर, 28 अक्टूबर 2021/ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य, आदिवासियों की संस्कृति को सहेजने, संवारने और आगे बढ़ाने के लिए अभिनव कार्य कर रहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सिर्फ राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव नहीं, बल्कि जनजातीय वर्ग का सम्मान है। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग, वर्षाें से शोषित रहा है, सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा रहा है। उसे आगे बढ़ाने के लिए यह भव्य आयोजन पूरे देश के लिए एक संदेश है। उन्होंने कहा कि यदि हम सब चाहे तो यह जनजातीय वर्ग हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकता है, आगे बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जनजातीय वर्ग के प्रति यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।

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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का शुभारंभ झारखण्ड के मुख्यमंत्री एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हेमंत सोरेन ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। कार्यक्रम में राज्यसभा के पूर्व सांसद बी.के. हरिप्रसाद, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, युगाण्डा एवं फिलीस्तीन के कॉउंसलर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 28 अक्टूबर से 1 नवम्बर तक आयोजित होने वाले इस ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ और छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में देश के 27 राज्यों और 6 केन्द्रशासित प्रदेशों के कलाकारों के साथ ही 07 देशों- एस्वातीनी, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, यूगांडा, माली और फिलिस्तीन से आए लगभग 1500 कलाकार भाग ले रहे हैं।

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मुख्य अतिथि हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि आज भौतिकवादी युग में जनजातीय समाज अपनी सभ्यता, संस्कृति को बचाने में लगा है। छत्तीसगढ़ सरकार के इस कार्यक्रम को देखकर यह महसूस हो रहा है कि इससे जनजाति वर्ग में आशा जगेगी। इससे उन्हें ताकत और ऊर्जा मिलेगी, वह अपनी संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्ण रखेंगे। उन्होंने कहा कि यहां आदिवासियों की कला, संस्कृति के साथ-साथ उनके उत्पाद के प्रदर्शन एवं विक्रय का मेला लगा है। सोरेन ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासियों की बेहतरी और उनके कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का अध्ययन करते हैं और अपने राज्य में भी बदलाव की कोशिश करते हैं।

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उन्होंने जल-जंगल-जमीन जनजातीय समाज की आत्मा है। खेत-खलिहान, पशुधन और वनोपज इनकी सम्पत्ति है। छत्तीसगढ़ राज्य में लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और वनवासियों को तेंदूपत्ता से लेकर लघु वनोपजों का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ की और कहा कि उनका यह मानना है कि जब तक गांव समृद्ध नहीं होगा, तब तक शहर, प्रदेश और देश समृद्ध नहीं होगा। जनजातीय समुदाय की क्रय शक्ति बढ़े, इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर राज्य के सभी वर्ग एवं समाज के देवी-देवताओं को नमन करते हुए कहा कि अनेकता में एकता हमारी ताकत और पहचान है। उन्होंने कहा कि इसे जोड़ने एवं संजोने के लिए विश्व के आदिवासियों को एक मंच पर लाने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है, ताकि वह संस्कृति को, अपनी ताकत को जाने और आगे बढ़े। छत्तीसगढ़ आज आदिवासियों का वैश्विक मंच के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर रहा हैं। उन्होंने कहा कि इसमें सफलता मिली है। यह राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव का द्वितीय आयोजन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 42 जनजातियां और 5 विशेष पिछड़ी जनजातियां निवास करती है। इनकी जनसंख्या राज्य की कुल आबादी की एक-तिहाई है। सभी जनजातियों की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान है। उनकी बोली, उत्सव, नृत्य, देवी-देवता भी अलग-अलग है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से जनजातियों की सांस्कृतिक विभिन्नता, उनकी कला को हमें एक मंच पर देखने और जानने का अवसर मिल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में आदिवासी समुदाय की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्याें का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के नवनिर्माण में सबकी भागीदारी हो, सबका विकास हो, यह हमारी प्राथमिकता है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों और फैसलों से राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। छत्तीसगढ़ पहला राज्य हैं, जिसमें एक निजी उद्योग के लिए अधिग्रहित 4200 एकड़ जमीन आदिवासियों को वापस कराई है। वनवासियों को हम व्यक्तिगत और सामुदायिक पट्टे दे रहे हैं। गौठानों में दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। गोबर विक्रेता ग्रामीणों एवं पशुपालकों को इसके एवज में 104 करोड़ रूपए करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है। गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। गौठानों में इंडस्ट्रियल पार्क, लघु उद्योग एवं कृषि आधारित उद्योग लगाने का काम जारी है। हमारी सरकार राज्य के तीज-त्यौहार, कला-संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का सफल आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य ने किया। कोरोना संक्रमण की वजह से बीते वर्ष इसका आयोजन नहीं हो सका। इस साल सभी लोगों के आग्रह पर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव का आयोजन एक साथ किया जा रहा है।

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कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से आदिवासी संस्कृति को देश और विश्व पटल पर स्थापित करना है। उन्होंने महोत्सव में भाग लेने के लिए आए विदेशी कलाकारों सहित देश के सभी राज्यों के कलाकारों का छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से स्वागत किया। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का एकलौता राज्य है, जो इस तरह का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि यह आयोजन, सांस्कृतिक एवं भाषायी विविधता और पुरानी परंपरा को एक सूत्र में पिरोकर, अनेकता में एकता का अद्वितीय उदाहरण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दौरान हम विभिन्न देशों एवं राज्यों से आए कलाकारों की कला का प्रदर्शन देखेंगे, उनका उत्साहवर्धन करेंगे और मेहमान कलाकार छत्तीसगढ़ से सुमधुर यादें अपने साथ लेकर जाएंगे।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न राज्यों एवं देशों से आए नर्तक दलों ने पारंपरिक वेशभूषा एवं वाद्य यंत्रों के साथ आकर्षक मार्चपास्ट किया। इस अवसर पर मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, डॉ. शिव कुमार डहरिया, कवासी लखमा, गुरू रूद्र कुमार, मती अनिला भेंड़िया, जयसिंह अग्रवाल, उमेश पटेल, राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम, संसदीय सचिवगण और विधायकगण सहित निगमों मण्डलों के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी, अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।