रायपुर: National Tribal Dance Festival 2022 राज्योत्सव के दूसरे दिन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में पहुंचे कलाकारों में शामिल हुए तेलंगाना के कलाकारों ने लंबाड़ी नृत्य प्रस्तुत किया। लंबाड़ी तेलंगाना के नालगोंडा जिले में किया जाता है। लंबाड़ी नृत्य नालगोंडा के बंजारा समुदायों द्वारा किया जाता है। इस नृत्य के माध्यम से बंजारा लोग अपनी जीवनशैली का प्रदर्शन करते हैं।
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National Tribal Dance Festival 2022 लंबाड़ी नृत्य को करने वाली महिला कलाकार तेलंगाना का प्रसिद्ध घाघरा-चोली पहनती हैं। पारंपरिक रूप से ये महिलाएं पैरों में गज्जल यानी कि घुंघरू, गले में कंटल (माला) और हाथों में सफेद रंग का चूड़ी पहनती हैं। ये चूड़ी हाथी दांत के बने होते हैं। इन्हें गाजरू कहा जाता है।
बता दें अपनी बारी का इंतजार कर रहे तेलंगाना के इन कलाकारों ने छत्तीसगढ़ में आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव से जुड़े अपने अनुभव साझा किए। तेलंगाना के नालागोंडा जिले से पहुंचे इन कलाकारों के टीम लीडर सी एच नागार्जुन ने कहा कि पहली बार आदिवासियों को इतना बड़ा मंच देना सम्मान की बात है, मुझे छत्तीसगढ़ आकर खुशी हो रही है। भारत के दूसरे राज्यों को भी ऐसा कुछ करना चाहिए।
“उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आकर उन्हें अच्छा लग रहा है। ऐसा पहला मौका है जब उन्हें दूसरे राज्यों और देश के कलाकारों के कला के बारे में जानने का अवसर मिल रहा है। आदिवासी कलाकारों को मौका देने का यह एक अच्छा माध्यम है। बहुत कम होता है कि आदिवासियों को मौका मिले। वेस्टर्न कल्चर की वजह से आदिवासी कला संस्कृति सिमट रही थी। जिनके संरक्षण का काम छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है।” छत्तीसगढ़ सरकार का धन्यवाद देते हुए नागार्जुन ने कहा कि हर ग्रामीण, हर आदिवासी को मौका मिलना चाहिए।