This yojana has done wonders in the stronghold of Naxalites: नारायणपुर। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ने नारायणपुर जिले के दुर्गम राहों को आसान करने का बीड़ा उठाया,जहां हवाओ में बहती थी दहशत ,जहां की लाल गलियारो के कच्चे रास्तो पर चलती बेबसी थी,वहां अब चम चमाती सड़को ने विकास के सारे रास्ते खोल दिये है। कहते है कि विकास के पैमाने को बढाने के लिए सबसे अहम भूमिका पक्की सड़को की होती है। जहां सड़क बनते है वहां विकास और मूलभूत सुविधाएं आसानी से लोगो तक पहुंच जाती है, वहीं आज हम जिस जगह पक्की सड़क पर खड़े है, यह सड़क उन लाल गलियारों में बनी जहां नक्सलियों की तूती बोला करती है।
छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर, जहां ग्रामीण इलाकों का हाल बहुत बेहाल और खस्ता हुआ करता था। कच्ची सड़कें और पकडंडिया मूलभूत सुविधाओं आहिस्ता आहिस्ता गांव तक तो पहुचा जाते थे, लेकिन आपातकालीन स्थिति में यहां एम्बुलेंस जैसी सुविधाओ का अभाव यंहा के बाशिंदों जिंदगी से दो-चार करने मजबूर कर देता था। इसका असर सीधा गाँव के विकास पर भी पड़ता था। ऐसे में जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के मुताबिक, 98 सड़के प्रस्तावित की गई। इन सड़कों की कुल लंबाई 337 किलोमीटर की थी और 205 करोड़ की लागत से 92 सड़कों को पूर्ण कर लिया गया है ।
नक्सल प्रभावित नारायणपुर के ग्रामीण अंचलों के ‘लाल गलियारों’ में पक्की सड़को का निर्माण करना विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इन्ही लालगलियरो में लाल आंतक का साया हमेशा यहां की हवाओ में बहता नजर आता था। नक्सलवाद इन इलाकों के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा था। जब विभाग के द्वारा सड़क निर्माण का कार्य शुरू कराया जाता तो, नक्सली हत्या आगजनि जैसी घटनाओं को अंजाम देते और ग्रामिणो की उम्मीदों पर पानी फेर देते थे। ऐसे में कार्य पूर्ण करवाने का बीड़ा यहां नक्सल मोर्चे में तैनात जवानों ने अपने कंधे पर ले लिए। जवानो ने लगातार सड़क सुरक्षा अभियान चलाया और संगीनों के साए में मुस्तैदी से खड़े रह कर सड़क बनाने वाली एजेंसियों को सुरक्षा प्रदाय की।
This yojana has done wonders in the stronghold of Naxalites: इस दौरान नक्सल हमलों में जवानो ने अपनी जान भी कुर्बान की और सड़को का निर्माण कराया । नक्सल गढ़ के नाम से जाने जाने वाले नारायणपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में पक्की सड़को जाल बिछाया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चलते ग्रामीण इलाकों में बेहतर 12 मासी कनेक्टिविटी सड़को के निर्माण में ग्रामीण इलाकों के विकास के द्वार खोल दिए। अब इन इलाकों में एम्बुलेंस दौड़ रही है। मूलभूत सुविधाएं आसानी से पहुंच रही है। तस्वीर में दिख रही सड़को को यहां नक्सल मोर्चे में तैनात जवानों ने भी अपने लहू से सींचा है। अब ये चम-चमाती सड़के ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान ला रही है और नक्सलगढ़ के इन लाल गलियारों को मुँह चिड़ा रही है । IBC24 से अशफ़ाक़ अहमद की रिपोर्ट