Chhattisgarh Patwari Bribe Case: मुंगेली में जमीन सीमांकन के बदले पटवारी ने मांगे थे 4 लाख रुपये.. पहली किश्त लेते ही ACB ने धर दबोचा

आरोपी पटवारी सुशील जायसवाल और उसके सहयोगी गुलाबदास मानिकपुरी के खिलाफ धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

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  • Publish Date - January 30, 2025 / 07:13 PM IST,
    Updated On - January 30, 2025 / 07:30 PM IST

Bilaspsur Patwari Demand Bribe Case || Image- IBC24 News File

Mungeli Patwari Demand Bribe Case : बिलासपुर: मुंगेली जिले में एसीबी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिसमें पटवारी और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार किया गया। मामला एक भूमि सीमांकन से जुड़ा हुआ था, जहां आरोपी पटवारी ने जमीन के सीमांकन के बदले रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने अपनी 26 एकड़ ज़मीन के सीमांकन के लिए आवेदन किया था। पटवारी सुशील जायसवाल ने इसे मंजूर करने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

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हालांकि, बाद में दोनों पक्षों के बीच सौदा 4 लाख रुपये में तय हुआ। इस शिकायतकर्ता ने एसीबी को रिश्वत की मांग के बारे में जानकारी दी थी, जिसके बाद एसीबी ने आरोपी पटवारी के खिलाफ जाल बिछाया। जब पटवारी पहली किश्त के तौर पर एक लाख रुपये ले रहा था, तब उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके साथ आरोपी का सहयोगी भी एसीबी के हाथों पकड़ा गया।

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Mungeli Patwari Demand Bribe Case : बहरहाल आरोपी पटवारी सुशील जायसवाल और उसके सहयोगी गुलाबदास मानिकपुरी के खिलाफ धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

क्या पटवारी रिश्वत मांगने के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है?

हां, रिश्वत मांगने और देने के मामले में आरोपी पटवारी के खिलाफ धारा 7 और 12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

रिश्वत की मांग करने के खिलाफ शिकायत कैसे की जा सकती है?

यदि कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत मांगता है, तो संबंधित एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) में शिकायत दर्ज की जा सकती है।

इस मामले में आरोपी पटवारी को कितनी रिश्वत की राशि की मांग की थी?

आरोपी पटवारी ने 26 एकड़ ज़मीन के सीमांकन के बदले 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी, लेकिन बाद में सौदा 4 लाख रुपये में तय हुआ।

इस प्रकार के मामलों में क्या सजा हो सकती है?

यदि आरोपी दोषी पाया जाता है, तो उसे भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत सजा हो सकती है, जिसमें जेल की सजा और जुर्माना दोनों शामिल हो सकते हैं।

रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी के दौरान आरोपी को कैसे पकड़ा गया?

एसीबी ने आरोपी पटवारी को पहली किश्त के तौर पर एक लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया, और उसके सहयोगी को भी पकड़ लिया।