रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र का हर दिन बेहद हंगामेदार और गरमा-गरम बहस वाला रहेगा, इसका अंदाजा सभी को था। लेकिन बात मुद्दों और आरोपों से आगे ‘जानवर जैसी आवाजें’ और ‘हम पशुबल को संभालना जानते हैं’ चौर कौन… जैसी बातों पर आ गई। दरअसल, सत्र के दूसरे दिन विभिन्न मुद्दों पर घेरने के साथ-साथ विपक्षी विधायकों ने सदन में विरोध का अलग तरीका अपनाया, जिसे सत्तापक्ष ने विरोध के बजाय, जानवरों जैसी आवाज बताया। ये बात विपक्षी विधायकों को घोर नागवार गुजरी और उन्होंने भी कहा कि हम भी पशुबल को नियंत्रित करना जानते हैं। इसके बाद से प्रदेश की सियासत गरमाने लगी है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। इस बीच सीएम भूपेश बघेल ने 4143 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट पारित किया। इस दौरान विपक्ष के विधायक हंगामे के कारण निलंबित होने के बावजूद सदन में नारेबाजी करते रहे। BJP नेताओं की हत्या के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव को लेकर गर्भगृह में जमकर नारेबाजी की। CM ने कहा कि BJP शासन में कई चर्च बने, मंदिर एक भी नहीं.. हम गोरों से नहीं डरे तो चोरों से क्या डरेंगे। वहीं कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि बीजेपी विधायकों का हंगामा जानवरों की आवाज की तरह है। इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने पलटवार किया कि हम पशुबल की ताकत नियंत्रित करना जानते हैं।
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पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर धर्म के अपमान का भी आरोप लगाया। वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस साढ़े 4 साल में झीरम की जांच नहीं करा पाई, ये सरकार की बड़ी विफलता है। बहरहाल, शब्दों के वार से मर्यादा तार-तार होने के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित हो गई। सवाल है कि क्या इसी रवैये के साथ बजट सत्र चलेगा और आखिर ये गतिरोध कैसे हटेगा?
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