Reported By: Netram Baghel
,Lok Sabha elections boycott : सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले में सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहे 80 आदिवासी परिवारों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करने की बात कही है। इन्होंने अपने गांव में चुनाव बहिष्कार का पोस्टर भी चिपका दिया है। गांव के इन 80 परिवारों में 2 दर्जन से अधिक विवाह योग्य युवक-युवतियां हैं, जिनकी शादी नहीं हो पा रही है और इन युवाओं के परिजन आंसू बहाने को मजबूर हैं।
छत्तीसगढ़ के सक्ति जिले में 80 आदिवासी परिवारों के खिलाफ अजीबोगरीब फरमान जारी हुआ है। दरअसल, समाज ने एक तुगलकी फरमान सुनाते हुए इन्हें समाज से बहिष्कृत कर दिया है, जिसके बाद से ये सभी आदिवासी परिवार समाज की मुख्यधारा से अलग रहने को मजबूर हैं।
read more: बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर खान बनी यूनिसेफ (भारत) की नेशनल एंबेसडर, इस तरह जताई खुशी
Lok Sabha elections boycott : यह पूरा मामला सक्ति जिले के आमादहरा गांव का है। जहां के 80 आदिवासी परिवारों का सामाजिक बहिष्कार का मामला सामने आया है। पिछले तीन वर्षों से बहिस्कार की पीड़ा झेल रहे इन परिवारों का जीवन समाज की मुख्यधारा से अलग हो गया है। यही नहीं इन आदिवासियों पर समाज के ठेकेदारों ने 23 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जुर्माने की रकम अदा न कर पाने की वजह से आज तक इन गरीब आदिवासी घरों में शादी, जन्म संस्कार और मृत्यु संस्कार जैसे कार्य भी नहीं हो पा रहे हैं। बताया जाता है कि अगर कोई भी व्यक्ति इन परिवारों का साथ देने या फिर संबंध जोड़ने की हिमाकत करता है तो उसका भी सामाजिक बहिष्कार किया जाता है और 3000 रुपये का जुर्माना भी थोपा जाता है।
read more: Bhilai crime news: घर में घुसकर लड़की से ऐसी हरकत करने लगा युवक, पुलिस ने दबोचा
इस उत्पीड़न का नतीजा यह है कि चाहे जितनी भी बड़ी विपदा इन आदिवासियों पर आ जाए, उनके रिश्तेदार चाहकर भी इन गरीबों का साथ नहीं दे सकते।
पिछले 3 साल से ये मजबूर और बेबस आदिवासी परिवार न्याय की आस में दर-दर भटक रहे हैंं इन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से लेकर कलेक्टर तक किया है, लेकिन न्याय इन्हें आज तक नहीं मिल सका है। ऐसे में अब ग्रामीण गांव में पाम्पलेट चस्पा कर वोट का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं।