मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर। मनेंद्रगढ़ में निकली जीवनदायिनी हसिया नदी पूरी तरह प्रदूषित हो गई है। यह नदी कभी शहर की जीवनदायिनी नदी थी जहां लोग नहाने के लिये जाया करते थे, लेकिन पिछले दस साल से यह पूरी तरह दूषित हो गई है। इस नदी में घरों से निकलने वाला गंदा पानी नालियों के माध्यम से नाले में आकर नदी में मिल रहा है, जिससे इसका अस्तित्व ही अब खत्म हो गया है।
नदी में इंसानों की जगह अब जानवर दिखाई देते है । पानी के अलावा बाजार का कचड़ा भी इसी किनारे डाला जा रहा है । हसिया नदी आगे चलकर हसदेव नदी में मिलती है, जिससे वह भी दूषित हो रही है। ऐसा नहीं है कि लोगों ने या वार्ड पार्षद ने नगरपालिका या प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं दिलाया, लेकिन आज तक मनेन्द्रगढ़ नगरपालिका के द्वारा गंदे पानी को एक जगह स्टोर कर उसे साफ करने के लिये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाया गया । नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती प्रभा पटेल का कहना है कि शासन को नौ करोड़ का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। IBC24 से सतीश गुप्ता की रिपोर्ट
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