Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति और पोंगल पर्व आज, सीएम साय ने दी शुभकामनाएं, कही ये बात

मकर संक्रांति और पोंगल पर्व पर्व आज, सीएम साय ने दी शुभकामनाएं, Makar Sankranti and Pongal festival today, CM Sai gave best wishes

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  • Publish Date - January 14, 2025 / 07:20 AM IST,
    Updated On - January 14, 2025 / 07:28 AM IST

रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति और पोंगल पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर सभी लोगों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है।

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी पर्व जैसे कई अलग अलग नाम से मनाया जाता हैं। दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला पोंगल समृद्धि का प्रतीक है। यह त्योहार प्रकृति और फसल के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक माध्यम है। मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि मकर संक्रांति का त्यौहार ऋतु परिवर्तन का संदेश लेकर आता है। मुख्यमंत्री ने शुभकामना देते हुए कहा कि यह ऋतु परिवर्तन का पर्व सभी लोगों के जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आए।

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इन चीजों का जरूर करें दान

मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है। शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है। पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में ये नई फसल काटने का समय होता है। इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई बांटी जाती है। इसके अलावा मकर संक्रांति पर कहीं-कहीं पतंग उड़ाने की भी परंपरा है।

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मकर संक्रांति और पोंगल पर्व में क्या अंतर है?

मकर संक्रांति और पोंगल दोनों ही पर्व सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक हैं, लेकिन पोंगल मुख्य रूप से दक्षिण भारत में मनाया जाता है, जबकि मकर संक्रांति भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाई जाती है। पोंगल कृषि और फसल के प्रति कृतज्ञता का पर्व है, जबकि मकर संक्रांति ऋतु परिवर्तन और सूर्य देव की उपासना का पर्व है।

मकर संक्रांति कब मनाई जाती है?

मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है, जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है।

मकर संक्रांति पर क्या विशेष होता है?

मकर संक्रांति पर विशेष रूप से तिल और गुड़ के दान की परंपरा है। इसके अलावा, इस दिन गंगा स्नान, सूर्य उपासना और विभिन्न धार्मिक कार्यों का महत्व है। कई स्थानों पर इस दिन पतंग उड़ाने की परंपरा भी है।

पोंगल पर्व के क्या महत्व हैं?

पोंगल दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख कृषि पर्व है, जो फसल की कटाई के समय मनाया जाता है। यह समृद्धि और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मकर संक्रांति और पोंगल पर क्या संदेश दिया?

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मकर संक्रांति और पोंगल के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह पर्व ऋतु परिवर्तन का संदेश लेकर आता है, जो सभी के जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आए।