सरायपाली। सुघ्घर पढ़वईया योजनांतर्गत सरायपाली ब्लाक अंतर्गत प्राथमिक शाला झिलमिला स्कूल में अभिनव पहल की शुरूआत की गई है। इस स्कूल में व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देते हुए आत्मनिर्भरता की दिशा में स्कुली बच्चों को बत्तख पालन की विधी और इससे होने वाले मुनाफे के बारे में सिखाया जा रहा है।
सरायपाली ब्लाक उशिक्षा अधिकारी प्रकाशचंद्र मांझी ने बताया, कि बत्तख पालन बिना किसी आर्थिक सहयोग से शुरू किया गया है। आगे बत्तख पालन की जानकारी पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों को दी जाएगी, ताकि उन्हें शिक्षा ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को व्यवसाय से जुड़ने का ज्ञान हो जिससे विद्यार्थी आत्मनिर्भर बन सके। आपको बता दें राज्य में झिलमिला प्राथमिक शाला ऐसा पहला स्कूल है, जहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए बत्तख पालन सिखाया जा रहा है।
इस कार्य कि जिले भर में प्रसंशा हो रही है, वहीं बच्चे भी बत्तख पालन कि विधियों को सिखने के लिए काफी सजग दिख रहे है। बत्तख पालन की खास बात यह है कि कम लागत में अधिक मुनाफा के लिए इस व्यवसाय को आसानी से किया जा सकता है। हैंड वॉश की पानी को स्टोर करने के लिए बनायी टंकी में बत्तख सुबह 10ः00 बजे से 4ः00 बजे तक रहेंगे एवं मध्यान्ह भोजन में बचे एवं गिरे हुए खाने को इकट्ठा कर बत्तखों को खिलाया जाएगा। यह कार्य मध्यान्ह भोजन चलाने वाली महालक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह की देख-रेख में होगा। बत्तखों को शाम तथा सरकारी छुट्टी में ये समूह बत्तखों की घर में देखभाल करेंगी। इस स्कूल में डिजिटल क्लासरूम, मुस्कान पुस्कालय, रनिंग वाटर युक्त शौचालय के साथ कई सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।