Government employee was taking advantage of Mahtari Vandan Yojana: महासमुंद। महतारी वंदन योजना में फर्जीवाड़े के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। दरअसल महासमुंद जिले के घोड़ारी पंचायत के सचिव की पत्नी द्वारा योजना का अवैध लाभ उठाने का मामला उजागर हुआ है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया।
पंचायत सचिव ने सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद अपनी पत्नी के नाम से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था। इसके चलते हर महीने उसकी पत्नी के बैंक खाते में 1,000 रुपये की राशि जमा हो रही थी। जांच में गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद सीईओ ने तत्काल प्रभाव से सचिव को निलंबित कर दिया और उसकी पत्नी के खाते को होल्ड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही, पूर्व में ली गई राशि की वसूली की भी संभावना जताई जा रही है।
Government employee was taking advantage of Mahtari Vandan Yojana: इससे पहले भी महतारी वंदन योजना में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ चुके हैं। बस्तर जिले में एक आवेदन सनी लियोनी के नाम से दर्ज किया गया था, और उस आवेदन के जरिए अवैध रूप से धनराशि प्राप्त की जा रही थी। इस खुलासे के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग ने सख्ती बरतते हुए बड़ी संख्या में बैंक खातों को होल्ड कर दिया था।
बस्तर मामले में दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए थे। वीरेंद्र और नरेंद्र नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बर्खास्त कर दिया गया, दो अन्य को निलंबित किया गया, और पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
Government employee was taking advantage of Mahtari Vandan Yojana: महसमुंद मामले में भी प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पंचायत सचिव पर गाज गिराई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए निगरानी और सख्ती को और बढ़ाया जाएगा।
बाल विकास परियोजना स्तर पर गठित समिति के द्वारा निराकरण का प्रावधान रखा गया है एवं दावा आपत्ति प्राप्त किया जाकर लगभग 12000 से अधिक गलत आवेदनो को निरस्त किया गया है। दावा आपत्ति का निराकरण उपरांत अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाकर प्रकाशित किया गया। उपरोक्त प्रक्रियाओं के निर्धारण के उपरांत भी ऐसे फर्जी आवेदन प्राप्त न हो इस दृष्टि से लगातार इनके सत्यापन की कार्रवाई हेतु मैदानी अमलों को दिशा निर्देश दिये गये एवं लगभग 15 हजार गलत आवेदनों को चिन्हांकन करते हुए निरस्त किया गया। अंतिम सूची में 70,26,352 आवेदको का भी राज्य स्तर से विभिन्न उपलब्ध डाटा से वेरीफाई किया गया है एवं आधार एंथेटिकेंशन के लिए UIDAI को प्रेषित कर आधार का सत्यापन कराया गया है। अतः 50 प्रतिशत आवेदक फर्जी होने का कथन पूरी तरह गलत है। विभाग द्वारा समय-समय पर मैदानी स्तर पर सत्यापन, सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी खोजकर 15000 से अधिक गलत हितग्राहियों का चिन्हांकन कर, उन्हें लाभ सूची से बाहर कर दिया गया है। लाभांवित होने वाले हितग्राहियों की सूची प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के आईडी पर परिलक्षित है।
महतारी वंदन योजना महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण को सुधारने के लिए सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक वित्तीय सहायता योजना है। इस योजना के तहत लाभार्थियों के खाते में हर महीने राशि जमा की जाती है।
महासमुंद जिले के घोड़ारी पंचायत के सचिव ने सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद अपनी पत्नी के नाम से योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी आवेदन किया। इसके तहत उसकी पत्नी के खाते में हर महीने ₹1,000 जमा हो रहे थे।
मामले के उजागर होने पर जिला पंचायत के सीईओ ने पंचायत सचिव को तत्काल निलंबित कर दिया। साथ ही, उसकी पत्नी के बैंक खाते को होल्ड करने और पूर्व में ली गई राशि की वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई।
हां, पहले भी बस्तर जिले में फर्जीवाड़े का एक मामला सामने आया था, जिसमें एक आवेदन सनी लियोनी के नाम पर दर्ज कर धनराशि हड़पने की कोशिश की गई थी। इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए कई बैंक खातों को होल्ड कर दिया गया था और दोषियों को गिरफ्तार किया गया था।
प्रशासन ने निगरानी और सख्ती को बढ़ाने का निर्णय लिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए योजना के आवेदन और लाभार्थियों की नियमित जांच की जाएगी।