Committee managers and salesmen are begging for the rights of the poor: महासमुंद। राज्य में सभी को खाद्यान्न मिले व कुपोषण दूर करने के लिए शुरु की गयी पीडीएस की खाद्यान्न योजना में सेल्समैन व समिति प्रबंधक कैसे मिली भगत कर आम ग्रामीणों का चावल डकार जाते हैं, उसकी बानगी महासमुंद जिले के शासकीय उचित मूल्य की दुकान बम्बूडीह में देखने को मिली है । जहां सेल्समेन व समिति के प्रबंधक ने मिली भगत कर ग्रामीणों का 300 क्विंटल चावल बेच कर पैसा डकार गये । तीन चार माह से ग्रामीणों को राशन नहीं मिला तो ग्रामीणो ने इसकी शिकायत की, तब समिति प्रबंधक लोगो को पैसा बांटने लगे तो उनका विडियो वायरल हुआ और खाद्य विभाग ने संज्ञान लिया और अब कमेटी बनाकर जांच की जा रही है।
एक इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन पर चावल की जगह दस दस किलो के दो बांट रखे है और एक व्यक्ति राशन कार्ड को लेकर ग्रामीणो से बॉयोमेट्रिक मशीन में अगूंठे का निशान ले रहा है । बाजू में एक व्यक्ति हाथ में रुपये लिये बैठा है, जो कार्ड धारी को चावल तौल कर देने के बजाय बांट को तौलकर उन्हे पैसा वितरण कर रहा है। एक कार्ड धारक को मिलने वाले 35 किलो चावल के एवज में दस रुपये किलो की दर से 350 रुपये बांट रहा है। इस विडियो के वायरल होते ही खाद्य विभाग मे हडकंप मच गया। दरअसल, बावनकेरा समिति के अन्तर्गत ग्राम बम्बूडीह मे राशन की शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालित है । पीडीएस के इस दुकान में 300 राशन कार्ड धारक है, जिन्हे शासन से मिलने वाले खाद्यान्न को वितरण किया जाता है।
इस दुकान के सेल्समेन और समिति प्रबंधक ने मिली भगत कर नवबंर के 300 क्विंटल चावल व 5.38 क्विटंल शक्कर को उपभोक्ताओं को वितरण करने के बजाय बाजार में बेच दिया और पैसे को डकार गये। आनलाइन रिकार्ड में उपभोक्ताओं का बॉयोमेट्रिक अंगूठा नहीं लगने के कारण नान के रिकार्ड में इस दुकान पर चावल का स्टाक होना दर्शा रहा है, जिसके कारण नान ने इस दुकान के आंवटन को रोक दिया और पिछले चार माह से उपभोक्ताओं को चावल नहीं मिला। वायरल विडियो के बाद जब समिति प्रबंधक और सेल्स मेन पर खाद्य विभाग ने दवाब डाला तो समिति प्रबंधक व सेल्समैन अब उपभोक्ताओं से बॉयोमेट्रिक अंगूठा थम लेकर उन्हे दस रुपये प्रति किलो दर के हिसाब से चावल के बजाय नगद रुपये दे रहे है।
एक जहां ग्रामीण आक्रोशित है और दोषियों पर कार्यवाही की मांग कर रहे है ,वहीं समिति प्रबंधक व सेल्समेन अपने आप को पाक साफ बता रहे है। इस पूरे मामले मे महासमुंद एसडीएम का कहना है कि प्रथम दृष्टिया समिति प्रबंधक व सेल्समेन द्वारा हेराफेरी करना प्रमाणित हो रहा है ,फिर भी एक कमेटी बनाकर जांच की जावेगी और दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी। गौरतलब है कि शासन के नियमानुसार बॉयोमेट्रिक के आधार पर ही आनलाइन वितरण करना होता है । जिसकी निगरानी खाद्य विभाग करता है । उसके बावजूद इस तरह के हेरा फेरी का सामने आना कही न कही खाद्य विभाग के लापरवाही को भी उजागर करता है । बहरहाल अब मामला संज्ञान मे आने के बाद प्रशासन क्या कार्यवाही करता है ये देखने वाली बात होगी। – IBC 24 से धनंजय त्रिपाठी की रिपोर्ट
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